चिट्टे के खिलाफ संस्था की पहल समाज के प्रत्येक वर्ग का अभियान बन गई : महेंद्र धर्माणी
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चिट्टे के खिलाफ संस्था की पहल समाज के प्रत्येक वर्ग का अभियान बन गई : महेंद्र धर्माणी

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चिट्टे के खिलाफ संस्था की पहल समाज के प्रत्येक वर्ग का अभियान बन गई : महेंद्र धर्माणी



प्रदेश में चिट्टा के खिलाफ जागरूकता अभियान की शुरुआत करने वाली पहली स्वयंसेवी संस्था है संस्कार सोसाइटी

प्रदेश में 2014 से 2025 12 वर्षो में मादक पदार्थो में 340% कई बृद्धि 

घुमारवीं

डेढ़ वर्ष पूर्व 15 अक्टूबर 2023 को "घुमारवीं अगेंस्ट चिट्टा" अभियान का प्रारंभ संस्कार सोसायटी द्वारा किया गया था । आज संस्था की पहल समाज के प्रत्येक वर्ग का अभियान बन गई है जो संस्कार सोसायटी के लिए संतोष जनक है यह बात संस्था के संस्थापक महेंद्र धर्मानी ने प्रेस वार्ता को बताते हुए कहा कि प्रदेश में चिट्टा के खिलाफ जागरूकता अभियान की शुरुआत करने वाली संस्कार सोसायटी घुमारवीं प्रदेश की पहली स्वयंसेवी संस्था है । संस्कार सोसायटी इस अभियान में घुमारवीं क्षेत्र के सभी वर्गों का सहयोग व सहभागिता के लिए आभार प्रकट करती है साथ ही प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया का संस्था द्वारा चलाए गए इस अभियान को प्रदेश के जन-जन तक पहुंचाने के लिए हार्दिक धन्यवाद व आभार प्रकट करती है । उन्होंने कहा आज समाज के प्रत्येक वर्ग जिसमें पंचायत प्रतिनिधि , युवा, शिक्षा जगत, महिला व बुद्धिजीवी इस सामाजिक बुराई की गंभीरता व भयंकर दुष परिणाम को समझ रहा है तथा इससे अपने बच्चों को बचाने व बाहर निकालने के लिए सामूहिक प्रयास करने के लिए तैयार हो रहा है जिसमें संस्कार सोसायटी द्वारा चलाए गए इस अभियान का भी कुछ योगदान जरूर है ।

              चिट्टा के खिलाफ चलाए जा रहे इस अभियान के कारण पुलिस की सतर्कता बड़ी है  चिट्टा तस्करों को पकड़ने व उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से कुछ बदलाव अपने आसपास दिख रहा है जिस कारण लोग आगे आकर जागरूकता हुआ सहयोग कर रहे हैं । नगर निकाय व पंचायतो द्वारा की गई शुरुआत एक सार्थक व सकारात्मक पहल है जिससे प्रोत्साहित होकर आम व्यक्ति जागरूक हो रहा है और इस अभियान का हिस्सा बना है । पुलिस की सक्रियता, कार्यवाही और सख्त कानून बनाने के प्रयास की पहल भी सामाजिक जन अभियान का ही परिणाम है ये सब सामाजिक संगठनों के दबाव से ही यह संभव हो पाया है । कुछ बदलाव, जागरूकता, पुलिस सक्रियता व कार्यवाही तथा सरकार द्वारा सख्त कानून की बात हो रही है जो सही है , सकारात्मक पहल है , लेकिन जिस प्रकार विभिन्न मीडिया माध्यमों से जो सरकारी आंकड़े हम सबके सामने हैं उससे प्रतीत होता है कि यह समस्या हमारे घर द्वार, हर घर तक पहुंच चुकी है जो हम सभी की चिंता व परेशानी को बढ़ाती है । 


हिमाचल देश मे दूसरे नंबर पर चिट्टा इस्तेमाल करना वाला राज्य  
महेंद्र धर्माणी ने कहा कि  2014 में 557.40 ग्राम और 2024 में 15 किलो से ज्यादा चिट्टा पुलिस द्वारा पकड़ा गया था जोकि की कुल खफ्त का केलव 2 प्रतिशत है । हिमाचल प्रदेश देश का दूसरे नंबर पर चिट्टा इस्तेमाल करने वाला प्रदेश है जोकि युवा पीढ़ी के भविष्य के लिये ठीक नही है । पिछले तीन सालो में 4445 आरोपी गिरफ्तार किए गए है जिनमे डेड दर्जन से अधिक सरकारी अधिकारी व कर्मचारी विभिन्न विभागों से गिरफ्तार किए गए है । 2014 से 2025 12 वर्षो में मादक पदार्थो में 340% कई बृद्धि हुई है और 21 करोड़ से अधिक की संपत्ति अटैच की गई है । पिछले 6 वर्षों में सजा की प्रतिशतता 40.52 से गिरकर 29.39 प्रतिशत रह गई है । गिरफ्तारियां बड़ी है लेकिन सजा प्रतिशतता कम हुई है जो की चिंता जनक है । 2024 में 1070 केसों में से केवल 293 को ही सजा हुई है बाकी 777 बरी हो गए है । समाज की जागरूकता व अपराधियों को सख्त सजा हो, प्रशासन पर सख्त कानून के लिए दबाव बनाये, पुलिस की कार्यशैली में सुधार व जवाब देहि हो व पारदर्शी तथा सख्त कानून के लिए सरकार पर दबाव बने तभी हम अपनी आने वाली पीढ़ी को भविष्य ठीक कर सकते है । प्रेसवार्ता में घुमारवीं पंचायत के प्रधान किशोरी लाल शर्मा , सुनील शर्मा, बाँके बिहारी चंदेल, और शशि गौतम उपस्तिथ रहे ।
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