बिलासपुर - शराब के ठेकों में एमएसपी के नाम पर वसूले जा रहे मनमाने दाम
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बिलासपुर - शराब के ठेकों में एमएसपी के नाम पर वसूले जा रहे मनमाने दाम

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शराब के ठेकों में एमएसपी के नाम पर वसूले जा रहे मनमाने दाम 



घुमारवीं , झंडूता , शाहतलाई और आसपास के क्षेत्रों के सभी शराब के ठेकों में एमएसपी के नाम पर मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि सरकार द्वारा नए नियमों के तहत शराब की हर बोतल पर एमएसपी तय की गई है ।लेकिन अभी तक भी कहीं शराब के ठेकों पर पुराने स्टॉक वाली एमआरपी की ही शराब बेची जा रही है और उस पर भी अधिक दाम लोगों से वसूले जा रहे हैं।

एक तरफ तो सरकार ने ओवरचार्जिंग पर अपनी नीति साफ कर दी है जिस पर पहली बार शिकायत आने 15 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना तथा लाइसेंस कैंसिल किए जाने तक का नियम बनाया गया है लेकिन सरकार की यह सख्ती भी ठेकेदारों पर अंकुश लगाने में नाकामयाब साबित हो रही है।घुमारवीं के राकेश, मनोज, विशाल व अंकुश ने बताया कि घुमारवीं में स्थित शराब के ठेकों पर एक बियर पर भी 20 से 25 रुपये अधिक वसूले जा रहे हैं यही हाल शराब के अन्य ब्रांड का भी है जहां व्हिस्की की बोतल पर  40 से 50 रुपए अधिक वसूले जा रहे हैं वहीं वोदका की बोतल पर भी 50 से 60  रुपए ज्यादा लेकर ग्राहकों की जेब पर खुलेआम डाका डाला जा रहा है ।इसके अलावा जितने भी अन्य ब्रांड है उन पर भी मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं ।

जबकि प्रदेश सरकार ने इस वर्ष से  एमएसपी पर शराब बेचने का निर्णय लिया है। एमएसपी के तहत मूल्य पर विक्रेता 10 से 30 फीसदी का मुनाफा ही कमा सकता है ।जबकि दूसरी तरफ शराब कारोबारी दावा करते हैं कि वह एमएसपी पर 30 फीसदी से अधिक मुनाफा नहीं ले रहे हैं। जबकि 30 फ़ीसदी मुनाफे में भी कईं झोल हैं।क्योंकि अगर विभाग की माने तो शराब के हर ब्रांड पर 30 फ़ीसदी का मुनाफा नहीं लिया जा सकता है। क्योंकि सरकार द्वारा अलग अलग  ब्रांड पर 10 फ़ीसदी से लेकर 30 फ़ीसदी तक का मुनाफा तय किया गया है। लेकिन यहीं पर लोगों को इन शराब कारोबारियों द्वारा बेवकूफ बनाया जा रहा है। क्योंकि लोगों को मालूम ही नहीं है कि जो शराब वह खरीद रहे हैं उस पर 10 फ़ीसदी मुनाफा लिया जा सकता है या फिर 30 फीसदी। लेकिन शराब के कारोबारी सभी ब्रांड पर 30 फ़ीसदी का लाभ लेकर लोगों को चूना लगाने में लगे हुए हैं ।

यही नहीं ग्राहकों का कहना है कि जब भी अधिक दाम वसूले जाने पर सेल्समैन से बिल मांगा जाता है तो वह ग्राहकों से उलझ पड़तेहैं तथा ग्राहकों को शराब लेनी है तो लो नहीं तो आगे बढ़ो वाला फार्मूला बताया जाता है। यही कारण है कि यह लोग धड़ल्ले से लोगों की जेब में डाका डालने में लगे हुए है।।


एमएसपी के ऊपर अलग अलग ब्रांड पर 10 से 30 फीसदी अधिक दाम ले सकते है 

विभाग के अनुसार शराब की दुकानों पर आबकारी नीति के तहत  विदेशी सिंगल माल्ट, व्हिस्की, रम जिन, वोदका पर   लगे एमएसपी  पर  10 फीसदी का लाभांश ही लिया जा सकता है। जबकि भारत में निर्मित सभी बियर ब्रांड पर 30 फ़ीसदी , देसी शराब पर 30 फीसदी का लाभांश तय किया गया है तथा देश में बनी कोई भी ब्रांड की अंग्रेजी शराब पर 15 फ़ीसदी और हाई ब्रांड शराब पर 30 फीसदी  का लाभांश ही तय किया गया है।

 हमारे पास  कुल 68 शराब की दुकाने पंजीकृत हैं । इनमें से जब भी कहीं पर ओवर चार्जिंग की शिकायत आती है, तो नियम अनुसार इन पर कार्यवाही की जाती है। अप्रैल महीने से लेकर अभी तक आयी शिकायतों पर विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए कुल 21 चालान काटे गए हैं। जिससे 72000 रुपये का जुर्माना वसूल किया गया है ।जबकि बाकी जुर्माना अभी वसूल करना बाकी है।
-- कुंदन सिंह( सहायक आयुक्त,आबकारी कराधान विभाग घुमारवीं)
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