पानी के लिए लोगों में त्राहि त्राहि मची हुई , लेकिन, सरकार व विभाग के अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंग रही - राजेंद्र गर्ग
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पानी के लिए लोगों में त्राहि त्राहि मची हुई , लेकिन, सरकार व विभाग के अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंग रही - राजेंद्र गर्ग

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पानी के लिए लोगों में त्राहि त्राहि मची हुई , लेकिन, सरकार व विभाग के अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंग रही - राजेंद्र गर्ग 

घुमारवीं : कहलूर न्यूज़

पूर्व खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में पेयजल समस्या को लेकर प्रदेश सरकार व विभाग पर सवाल उठाया है । गर्ग ने कहा कि घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र  में जगह जगह पीने के पानी की विकराल समस्या बनी हुई है। लेकिन, सरकार के प्रतिनिधि व विभाग के अधिकारी इस समस्या के समाधान के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठा रहे हैं।जिससे पानी की समस्या दिन प्रतिदिन विकराल होती जा रही है। पानी के लिए लोगों में त्राहि त्राहि मची हुई है। लेकिन, सरकार व विभाग के अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है।          

                                                      उन्होंने विभाग के अधिकारियों से वैकल्पिक व्यवस्था करके व पानी के टैंकर लगाकर लोगों को राहत प्रदान करने की मांग की है।  

 
गर्ग ने कहा कि वह लगातार घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं।  इस दौरान  विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश गांव के लोग पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे विधानसभा क्षेत्र में ऐसी एक भी पंचायत नहीं मिल पाई है, जहां लोगों ने पानी की समस्या की शिकायत न की हो।  लोगों का कहना है कि उन्हें पानी के टैंकर खरीदने पड़ रहे हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को चेताया है कि यदि पानी की समस्या का समाधान तुरंत नहीं किया गया, तो भाजपा धरना देकर प्रदर्शन करने से भी गुरेज नहीं करेगी।

 गर्ग ने कहा कि भाजपा कार्यकाल में सतलुज नदी से विधानसभा क्षेत्र के लोगों की पानी की समस्या को खत्म करने के लिए 53 करोड़ रुपये की पेयजल योजना का निर्माण कार्य शुरू किया था। जिसका लगभग 90 प्रतिशत कार्य भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही पूरा हो गया था। लेकिन, प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और योजना का शेष बचा 10 फीसदी कार्य डेढ़ साल में भी पूरा नहीं हो पाया। जिसका खामियाजा गर्मी के इस मौसम में घुमारवीं की जनता को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि इस पेयजल योजना का निर्माण कार्य पूरा हो जाता, तो लोगों को आज पानी की समस्या से जूझना नहीं पड़ता।
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