संसाधनों को सांझा कर स्कूली छात्र-छात्राओं को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करना क्लस्टर सिस्टम का उद्देश्य
-राजेश धर्मानी
बिलासपुर 22 जनवरी 2024
स्वर्ण जयंती उत्कृष्ट राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला डंगार में कलस्टर स्तरीय वार्षिक पारितोषिक समारोह का आयोजन किया गया। जिसमे तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की । इसमें 10 पाठशालाओं के 984 छात्र छात्राओं ने भाग लिया । 10 स्कूलों में रा.व.मा.पा. बरोटा, दधोल, रा.उ.पा. चोखना, छंदोह, तडौन, हरितल्यांगर, रा.मा.पा. बाडी छजोली, जोल, पट्टा, रा.प्रा.केन्द्र डंगार कलस्टर स्तर पर भाग लिया ।
इस अवसर पर स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने कव्वाली, योग, एकल गान, समूह गान, गिद्दा, भंगड़ा, देश भक्ति गीत,स्किट, पहाड़ी नाटी की रंगारंग प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर मंत्री राजेश धर्मानी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि संसाधनों को सांझा कर और समग्र गतिविधियों के जरिये गुणात्मक शिक्षा में सुधार के लिए क्लस्टर स्कूल बनाए गए है। पिछली सरकारों में सभी बच्चों को शिक्षा देने के लिए बहुत सारे स्कूल खोले गए थे मगर आज कई स्कूलों में बच्चों की संख्या बहुत कम है। जिसके मद्देनजर प्रदेश सरकार ने कलेक्टर सिस्टम डेवलप करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत बच्चों को दूसरे स्कूलों के बच्चों से कुछ नया सीखने को भी मिलता है और जिन स्कूलों में अध्यापकों की संख्या कम है वहां दूसरे स्कूलों अध्यापक पढ़ सकेंगे। इस तरह के कलस्टर स्तरीय समारोह का आयोजन एक अनोखी पहल है जिससे बच्चों का स्टेज फीयर ख़त्म होता है और बड़ा मंच मिलता है तथा बच्चो को कुछ नया सीखने का मौका मिलता है।
उन्होंने बताया की जो क्लस्टर स्कूल में खेल मैदान, वाद्य यंत्रों, खेल संबंधी उपकरण, बहुउद्देशीय सभागार, एक्टिविटी रूम, पुस्तकालय, रीडिंग रूम, कम्प्यूटर लैब व अन्य प्रयोगशालाओं का उपयोग सभी विद्यार्थी कर सकेंगे। शिक्षा में सुधार के लिए स्कूलों का कलस्टर अहम भूमिका निभा सकते है। जिससे बच्चो का सर्वागीण विकास होगा ।क्लस्टर स्कूल सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए एक मॉडल समग्र शैक्षणिक संस्थान के रूप में कार्य करेंगे। बच्चों के समग्र विकास करना है ताकि भविष्य की चनोतियों का सामना कर सके ।
उन्होंने कहा कि शिक्षा से बच्चे समाज के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते है। हमें सांस्कृतिक मूल्यों की तरफ आकर्षित करता है तथा हमें मानवीय गुणों की पहचान करवाता है । जीवन का सर्वागीण विकास ही शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है। चरित्र निर्माण में मानवीय मूल्यों का बड़ा महत्व है किसी राष्ट्र का चरित्र उसके नागरिकों से आंका जाता है वह राष्ट्र सदैव प्रभावशील एवं प्रगतिशील होता है जिसके युवा व विद्यार्थी स्वस्थ, चरित्रवान व उच्च विचारों वाले हो । इसलिए हमें गुणात्मक शिक्षा प्रदान करना किसी भी विद्यालय का प्राथमिक कर्तव्य बनता है ।
इस अवसर पर स्वर्ण जयंती उत्कृष्ट राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला डंगार के प्रधानाचार्य राजेश कुमार शर्मा ने वार्षिक प्रतिवेदन पढ़ी तथा बताया की विद्यालय की स्थापना प्राथमिक विद्यालय के रूप में सन 1954 में हुई थी सन 1977 में उच्च तथा सन 1997 में इस विद्यालय को स्तरोन्नत कर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया। गत वर्ष ही हमारे विद्यालय को स्वर्ण जयंती उत्कृष्ट विद्यालय का दर्जा दिया गया।
इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष जागीर सिंह मेहता उपनिदेशक उच्च शिक्षा जोगिंद्र सिंह राव , उपनिदेशक प्रारम्भिक शिक्षा बी डी शर्मा, मीडिया प्रभारी राजीव शर्मा , स्कूल प्रबंधक समिति अध्यक्ष मनोहर लाल उपस्थित थे ।