वार्षिक समारोह में मिनर्वा में रंग-बिरंगे परिधानों में सज कर आए नन्हे-मुन्ने बच्चे
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वार्षिक समारोह में मिनर्वा में रंग-बिरंगे परिधानों में सज कर आए नन्हे-मुन्ने बच्चे

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रंग दे बसन्ती चोला माए रंग दे पर मिनर्वा में धमाल

-वार्षिक समारोह में मिनर्वा में रंग-बिरंगे परिधानों में सज कर आए नन्हे-मुन्ने बच्चे

घुमारवीं

मिनर्वा स्कूल घुमारवीं में आयोजित वार्षिकोत्सव में रंग-बिरंगे परिधानों में सजे नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपनी प्रस्तुति से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। वार्षिक समारोह में आठवीं तक के बच्चों को वर्ष भर उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। 


समारोह की शुभारंभ मुख्यातिथि डीएसपी घुमारवीं चंद्रपाल सिंह ने दीप प्रज्वलित करके किया। समारोह में विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने अनेक सास्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, जिनकी शुरुआत सरस्वती वंदना व स्वागत गीत से की गई। 


समारोह में एलकेजी, यूकेजी से लेकर आठवीं कक्ष तक के छात्रों ने सरस्वती वन्दना (डांस), घर में पधारो गजानन, हम पागल नहीं हैं भईया, महा शिवरात्रि आई, रंग दे बसन्ती, शुभ दिन आयो रे, मेरा जूता है जापानी, वो किशना है, योगा, नन्हा मुन्हा राही हूँ, छन-छन घण्टी बाजी, लकड़ी की काठी, इतनी सी हंसी, बिन्दु नीलू दो सखियाँ, रामचंद्र जी कह गये, गोविन्दा आला रे आला, लोहड़ी स्पेशल, कोई कहे कहता रहे, चोगारा तारा, हास्य गीत, बून्द बून्द बनकर आई लहर, डमरू बजाया भोले नाथ ने, मनवा लागे, बोल री कठपुतली एक ओंकार, पहाड़ी मिश्रित सौंग, नाटी पहाड़ी, भांगड़ा बैसाखी मेला, कश्मीरी डांस, आरम्भ हा प्रचण्ड, अष्टमी डांस, मैं पहाड़न, पंजाबी सौंग, राम लीला, किन्नौरी नाटी, रूत आ गई रे, नवरात्रि सौंग प्रस्तुतियां देकर सबका मन मोह लिया। 


चन्द्रपाल सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि बच्चों की प्रस्तुतियां देखकर बड़ा हर्ष होता है। प्रयास,  कोशिश और मेहनत से ही अच्छे कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। जिंदगी में सफलता की डगर पर बहुत ध्यान से चलने की जरूरत है। बच्चों के सही ग्रूमिंग विद्यालय ही करते हैं लेकिन अभिभावकों का रोल भी अहम होता है। बच्चों को एक निश्चित उद्देश्य या गतिविधि के लिए तैयार करने में अध्यापक अहम भूमिका अदा करते हैं।

चन्द्रपाल सिंह ने बच्चों के अभिभवकों से आह्वान किया कि बच्चों की जरूरत उनकी जरूरत के हिसाब से पूरी करनी चाहिए। उन्होंने बच्चों से कहा कि दादा दादी का रिश्ता सबसे प्यारा होता है इसलिए उनके द्वारा दिये गए संस्कारों को ग्रहण करें।
 
उन्होंने कहा कि बच्चों को एक अच्छा नागरिक बनाने में माता पिता का अहम योगदान होता है। थॉट प्रोसेस से जिंदगी का निर्माण होता है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि बच्चों की दिन भर की गतिविधियों पर नजर जरूर रखें कि उनका बच्चा किस दिशा की ओर जा रहा है। अभिभावक बच्चों से दूरी न बनाएं। बच्चा जब भी स्कूल से घर वापिस जाए तो उसकी एक्टिविटी के बारे में जाने। 


पाठशाला प्रधानाचार्य प्रवेश चंदेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि मिनर्वा संस्थान का हमेशा प्रयास रहता है कि बच्चों को शिक्षा के साथ अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाए। साथ ही वर्षभर संस्कृतिक, व अन्य गतिविधियों का आयोजन कर बच्चों को अच्छे संस्कार दिए जाते हैं। इसमें संस्थान के सभी शिक्षक व स्टाफ अपना योगदान निभाते हैं। बच्चों को वार्षिक कार्यक्रम के माध्यम से मंच प्रदान किया जाता है ताकि बच्चों के अंदर आत्मविश्वास बढ़ सके। 

वार्षिक उपलब्धियों पर मिल सम्मान:-

वार्षिक समारोह के दौरान एलकेजी, यूकेजी तथा कक्षा 1 से लेकर आठवीं तक के बच्चों को मुख्यातिथि द्वारा सम्मानित किया गया। वर्ष भर शिक्षा, खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों में अव्वल रहे बच्चों को पुरस्कृत किया गया।
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