संस्कार संस्था ने वितरित की साठ हजार पांच सौ की छात्र सहयोग निधि
किसी भी बच्चे की पैसे के अभाव से पढ़ाई रुकनी नहीं चाहिए : महेंद्र धर्माणी
घुमारवीं
अपनी क्षमता के अनुसार समाज के लिये अपना योगदान देना बहुत जरूरी है। यह बात से संस्था के संस्थापक महेंद्र धर्माणी ने संस्था द्वारा घुमारवीं में आयोजित संस्कार छात्र सहयोग निधि वितरण कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि अगर कोई बच्चा पढ़ने में अच्छा है और आर्थिक रूप से कमजोर है या जिन बच्चों के माता पिता नहीं होने के कारण पढ़ाई नहीं कर पा रहा हो उसकी सारी पढ़ाई संस्था द्वारा करवाई जाएगी। जरूरतमंदो की सहायता कर संस्था समाज के हर कमजोर वर्ग के साथ खड़ी है। उन्होंने बच्चों से कहा कि आप खूब पढ़ाई करें और कोई आवश्यकता होगी उसको भी संस्था पूरा करेगी और आप भी अपने पैरों पर खड़े होकर समाज के लिए योगदान दें। आज के दिन युवा पीढ़ी का ध्यान रखना ही समाज के लिए बड़ा काम है
ताकि हमारा युवा किसी नशे की चपेट में न आ सके। उन्होंने कहा कि अगर आज का युवा नशे से बचेगा तो देश व हमारा समाज उन्नति को ओर अग्रसर होगा। इस बार संस्था द्वारा पहली से आठवीं तक एक हजार नोवीं व दसवीं के छात्रों को 1500 रुपए और 11वीं और जमा दो के बच्चों को 2000, आई टी आई के बच्चों को 2500 और कॉलेज में पढ़ने वालों को 3000 वार्षिक दिए गए। संस्था द्वारा कुल 33 बच्चों को 61500 की राशि वितरित की गई। मुख्यतिथि सेवानिवृति प्रधानाचार्य तरसेम सिंह पठानिया ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि लक्ष्य प्राप्त करने के लिये मेहनत करनी होगी।
आप देश का भविष्य है और देश किस दिशा में जायेगा यह आप पर निर्भर करता है। जिस दिशा में युवा जाएगा उसी तरफ देश जाएगा। इसलिए बच्चों को सत प्रतिशत प्रयास करके लक्ष हासिल करना होगा। अध्यापक और माता पिता के सहयोग से ही बच्चो में संस्कार आते है। इस कार्यक्रम में नंद लाल, बीडीसी सदस्य सतीश ठाकुर, जे के शर्मा, अमृत लाल कतना, राम स्वरूप शामा, डॉक्टर तिलक राज, प्रवीण शर्मा, राजेश शामा, संदीप धर्माणी, रितेश, सतीश मेहता, विशाल गुप्ता, बाबूलाल धर्मानी, अनिल, प्रवीण, बाँके बिहारी आदि उपस्थित रहे।
डॉ ब्रिज एचओडी गेस्ट्रोलॉजी आईजीएमसी शिमला विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि आज के समय मे नशा समाज के लिये बहुत गम्भीर समस्य बनती जा रही है। कुछ पैसों के लालच के लिये नशे के सौदागर हमारे बच्चों को नशे के जंजाल में धकेल रहे है। उन्होंने कहा कि शिमला में आज 18 से 20 वर्ष के 400 बच्चों को हेपेटाइटिस बी और सी है जोकि नशे के लिए कॉमन सृंज का प्रयोग के कारण है। उन्होंने बच्चों से अपील की खुद भी नशा नहीं करना है और दूसरों को भी नशा करने से रोकना है। संस्था ने नशे के खिलाफ अभियान चलाकर समाज को नशामुक्त करने का बहुत बड़ा बीड़ा उठाया है जिसमें हम सभी की भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए तभी नशा मुक्त समाज सम्भव है।