शातिरों ने हिमाचल के पूर्व डीजीपी को बनाया ठगी का शिकार, खाते से ऐसे उड़ाए 80 हजार रुपए
आम आदमी ऑनलाइन ठगों व धोखेबाजों से कहां बच सकेंगे, जब शातिरों ने आईपीएस को भी नहीं बख्शा है। आईपीएस भी वह जो हिमाचल के पूर्व डीजीपी रहे हैं। उन्हें ही शातिरों ने ऑनलाइन 2 बार ट्रांजैक्शन करवाकर 80000 रुपए का चूना लगा दिया है। पूर्व डीजीपी द्वारा साइबर सैल को दी गई शिकायत को जांच के लिए अब पुलिस थाना छोटा शिमला भेजा गया है और छोटा शिमला पुलिस थाना द्वारा इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है।
जानकारी के अनुसार राज्य में साइबर क्राइम के मामलों में लगातार बढ़ौतरी हो रही है। शातिर ठगी के नए-नए हथकंडे अपनाकर साइबर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि अपराध पर अंकुश लगाने वाले एक वरिष्ठ पूर्व आईपीएस अधिकारी और हिमाचल के पूर्व डीजीपी को ही शातिरों ने चूना लगा डाला है। मशहूर ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी अमेजन से खरीददारी के दौरान उनके साथ यह जालसाजी हुई, जिससे वह शातिरों के चक्रव्यूह में फंस गए हैं।
पुलिस थाना छोटा शिमला में दर्ज हुई रिपोर्ट में पूर्व डीजीपी आईपीएस आईडी भंडारी निवासी विजय सदन कसुम्पटी पंथाघाटी रोड शिमला ने बताया कि अमेजन से उत्पाद खरीदने के लिए गूगल से नंबर सर्च करने पर साइबर अपराधी ने झांसा देकर एप डाऊनलोड करवा उनके बैंक खाते से 2 बार 80000 रुपए उड़ाए हैं। शातिरों ने इतने पेशेवर व शातिराना अंदाज से ठगी को अंजाम दिया कि पूर्व डीजीपी ने उनकी बातों में आकर एप डाऊनलोड कर ली। उन्होंने जैसे ही एप डाऊनलोड कर खोली तो उनके खाते से एक बार 49900 और दूसरी बार 30000 रुपए निकाल लिए गए। उन्होंने फोन करने वाले व्यक्ति को कॉल बैक किया तो उसका मोबाइल बंद हो चुका था।
आईडी भंडारी 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और धूमल सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान वह प्रदेश के डीजीपी पद पर आसीन रह चुके हैं। पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव गांधी ने बताया कि साइबर सैल की रिपोर्ट पर छोटा शिमला पुलिस थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है और जल्द ही आरोपियों की धरपकड़ की जाएगी।