श्रम एवं रोजगार विभाग द्वारा जारी अधिसूचना को रद्द करने को लेकर घुमारवीं में धरना प्रदर्शन
घुमारवीं
मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए यदि किसी भी स्तर तक संघर्ष करना पडे तो यूनियन हर मुकाम तक जाएगी। यह बात शुक्रवार को इंटक से सम्बन्धित हिमाचल बिल्डिंग-कन्सट्रक्सन एण्ड मनरेगा मजदूर युनियन के प्रदेशाध्यक्ष जगत राम शर्मा ने घुमारवीं में आयोजित विशाल धरना प्रदर्शन में उमड़े जनसैलाब को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि श्रम एवं रोजगार विभाग द्वारा जारी अधिसूचना को शीघ्र रद्द न किया गया तो आंदोलन का स्वरूप और उग्र होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है लेकिन अभी तक भाजपा द्वारा तय नियमों पर काम हो रहा है
जिससे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। इससे पूर्व इंटक कार्यालय घुमारवीं में हजारों की संख्या में मजदूर तथा लाभार्थी एकत्रित हुए। जहां से वे रैली की शक्ल वाया दकड़ी चौक और गांधी चौक होते हुए एसडीएम कार्यालय पहंुचे। यहां पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार प्रकट किए तथा सचिव हिमाचल प्रदेश श्रम एवं रोजगार विभाग शिमला कार्यालय द्वारा जारी अधिसूचना को रद्द करने को लेकर एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को ज्ञापन प्रेषित किया।
उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत निर्माण कामगारों को श्रमकल्याण बोर्ड में पंजीकरण और नवीनीकरण करवाने के लिए बहुत बड़ी बाधा आ रही है। जबकि मार्च 2009 से अक्तूबर 2022 तक निर्माण मजदूरो को श्रम कल्याण बोर्ड में पजीकरण करवाने और नवीनीकरण करवाने के लिए कोई बाधा नहीं आई थी। लेकिन कांग्रेस सरकार के श्रम में श्रमिकों के साथ अन्याय होना शुरू हो गया है। जिसका चौतरफा विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि 8 फरवरी 2023 की अधिसूचना को जारी करते समय नियमो को नजर अन्दाज किया गया है जोकि मजदूर हित मे नहीं है।
उन्होंने नई अधिसूचना को रद्द करने तथा पुरानी अधिसूचना को यथावत रखने की मांग दोहराई है। उन्होंनेक हा कि निजि रिहायशी मकानो मे मिस्त्री, मजदूर, पेन्टर, वैल्डर, विधुतषियन, कारपैन्टर आदि कामगार विभिन्न मकान मालिको के पास पूरा साल काम करते है और कई बार कामगारो की काम करते समय गिरकर या करन्ट लगकर भी मृत्यु हो जाती है। इसलिए इन मजदूरों को श्रम कल्याण बोर्ड में पंजीकरण होना बहुत ही जरूरी है। यह पंजीकरण पिछले 14 सालों से हो रहा था लेकिन कांग्रेस सरकार ने सता में आते ही इसे बंद कर दिया। इसके अलावा उन्होंने मनरेगा में 100 दिन का रोजगार, पंजीकरण और नवीनीकरण करने के लिए दस्तावेज, प्राईवेट क्षेत्र में कार्यरत कामगारों का पंजीकरण, पैंशन संबन्धी मामले, कामगारों के विभिन्न योजनाओं के क्लेम, कोविड सहायता, मनरेगा में कार्यरत मजदूरों को एक साल में कम से कम 200 दिन रोजगार, मनरेगा में कार्यरत मजदूरो को सप्ताहिक अवकाश,
मनरेगा में कार्यरत मजदूरो को लोक निर्माण विभाग की भातिं 350 रूपये प्रति दिन दिहाड़ी के साथ आऊट सोर्स कर्मचारियों आदि मसलों पर भी अपने विचार प्रकट करते हुए इनके निदान की गुहार सरकार से लगाई है। इस धरने प्रदर्शन में जगतार सिंह बैंस, रमेश कुमार, चौन सिंह सुमन, कर्म चंद जस्सल, रमेश कुमार, चौत राम, प्रवीण सिंह, कमलेश चंदेल, पूनम शर्मा, धर्म सिंह सहगल, चंचल कुमारी, शालू देवी, अमिता कुमारी, जगदीश कुमार, श्याम बैंस, बुद्धि राम बैंस, सोहन लाल, किशोरी लाल, शेर सिंह आदि मौजूद थे।