जवाहर बाल मंच, सदर बिलासपुर के मुख्य समन्वयक अभिषेक ठाकुर ने आज स्थानीय युवाओं और महिलाओं को आज़ाद चंद्रशेखर के जीवन के बारे में बताया।
जवाहर बाल मंच, सदर बिलासपुर के मुख्य समन्वयक अभिषेक ठाकुर ने आज स्थानीय युवाओं और महिलाओं को आज़ाद चंद्रशेखर के जीवन के बारे में बताया। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक कहे जाने वाले शहीद चंद्रशेखर आजाद की आज पुण्यतिथि मनाई जा रही है। महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी का नाम बहादुरी, राष्ट्रभक्ति और बलिदान का पर्याय है। उनके हृदय में देश व मातृभूमि के लिए इतना प्रेम था कि उन्होंने 14 वर्ष की उम्र से ही अंग्रेज़ों के विरुद्ध लोहा लेना शुरू किया और फिर अपना सम्पूर्ण जीवन देश की स्वतंत्रता के लिए समर्पित कर दिया।
मुख्य समन्वयक अभिषेक ठाकुर ने बताया कि अंग्रेज कभी मुझे जिंदा नहीं पकड़ सकेंगे'। यह कहना था शहीद चंद्रशेखर आजाद का। वो आजाद जिसने अंग्रेजों के दिलों में खौफ का वो बीज बो दिया था जिससे वह कभी नहीं निकल सके थे। यही वजह थी कि जब 27 फरवरी 1931 को अंग्रेजों की एक पूरी टुकड़ी ने उन्हें एल्फ्रेड पार्क में चारों तरफ से घेर लिया था तो किसी ने उनके पास जाने तक की हिम्मत नहीं दिखाई थी। इतना ही नहीं अपनी आखिरी बची हुई गोली से उन्होंने खुद अपनी ही जान ले ली थी। इसके बाद भी किसी फिरंगी की इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वह उनके मृत शरीर के पास जाकर उसको छूने की हिम्मत कर सके। उनके शव के पास जाने से अंग्रेजों ने उनको गोली मारकर यह सुनिश्चित किया कि वह मर चुके हैं। इलाहाबाद का वह पार्क आज भी उनकी वीरता की दास्तां को सुनाता दिखाई देता है।
इस मौके पर युवाओं में नवीन ठाकुर, धीरज ठाकुर, सोनू , अक्षय, सुशील, काका , गौरव ठाकुर, चंदन, नीरज, अमन ठाकुर, भारत भूषण और महिला मंडल की तरफ से ममता ठाकुर, संजी देवी आदि मौजूद रहे।