मनाली: काष्ठकुणी शैली से बना मकान जला, 50 लाख का नुकसान, तीन परिवारों के 19 सदस्य बेघर
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के मनाली के ऊझी घाटी के बुरुआ गांव में एक घर में भड़की आग से लाखों की संपत्ति जलकर राख हो गई। इस घटना में तीन परिवारों के 19 सदस्य बेघर हो गए। अग्निशमन विभाग की टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया। आग इतनी भयंकर थी कि घर में रखा सामान नहीं बचाया जा सका। पुलिस मामला दर्ज कर आग लगने के कारणों का पता लगाने में जुटी है। बुरुआ गांव के खेमराज, टेडी सिंह और उत्तम चंद के संयुक्त मकान में शनिवार शाम को अचानक आग लग गई। आग इतनी भयंकर थी कि देखते ही देखते काष्ठकुणी शैली में बने पूरे मकान को चपेट में ले लिया। इसके अलावा साथ लगते प्रीतम चंद के मकान में भी आग फैल गई। ग्रामीणों ने प्रीतम चंद के मकान में लगी आग पर काबू पाया। अग्निकांड की घटना के दौरान परिवार के सभी सदस्य बगीचे में काम करने गए थे। उन्हें ग्रामीणों ने फोन से आग लगने की जानकारी दी।
आग लगने की खबर गांव में फैलने से अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने मकान में आग लगने की सूचना दमकल विभाग को दी। दमकल केंद्र मनाली से वाहन समेत टीम मौके पर पहुंची और आग बुझाने के प्रयास शुरू किए। दमकल कर्मियों ने ग्रामीणों की मदद से कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। तब तक भारी नुकसान हो चुका था। पंचायत प्रधान चूड़ामणि ने कहा कि आग इतनी भयंकर थी कि घर में रखा कुछ भी सामान नहीं बचाया गया। मकान की निचली मंजिल में बंधी गाय को सुरक्षित निकाला गया है। इस संबंध में लीडिंग फायरमैन हेमराज ने कहा कि आग पर काबू पाया गया है। अग्निकांड से करीब 50 लाख की संपत्ति जलकर राख हो गई। साथ लगते मकान को बचा लिया गया है। इसमें करीब दो लाख का नुकसान हुआ है।
राजस्व विभाग को नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं। अग्निकांड प्रभावित परिवारों को तय नियमावली के तहत मुआवजा और फौरी राहत राशि दी जाएगी।
- सुरेंद्र, उपमंडलाधिकारी मनाली।