Himachal: पत्नी-बहन ने शहीद कुलभूषण को सैल्यूट कर दी अंतिम विदाई, हर आंख हुई नम
कश्मीर के बारामुला के जंगलों में आतंकवादियों से लोहा लेते शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कुपवी की मझौली पंचायत के गौंठ निवासी कुलभूषण मांटा का शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। सेना एवं पुलिस की गारद ने शहीद को अंतिम सलामी दी। शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। वीर सैनिक की पत्नी नीतू ने जब शहीद पति को सैल्यूट कर अंतिम विदाई दी तो माहौल पूरी तरह गमगीन हो उठा
बहन ने भी शहीद भाई को सैल्यूट कर अंतिम विदाई दी। अंतिम यात्रा में शामिल लोगों की आंखें नम थीं। इस दौरान पूरा क्षेत्र शहीद कुलभूषण मांटा अमर रहे, भारत माता की जय...के नारों से गूंज उठा। शहीद को मुखाग्नि उसके चचेरे भाई शमशेर ने दी। इससे पहले पार्थिव देह शनिवार तड़के पैतृक गांव पहुंचते ही परिजन बिलख पड़े। तिरंगे में लिपटे अपने बेटे की पार्थिव देह देख परिजनों के आंखू नहीं रुक रहे थे। शहीद की माता दुर्मा देवी और पत्नी नीतू बेसुध हो गईं।
बारामुला के तारीपोरा और सुल्तानपोरा के जंगलों में एक आतंकी से मुठभेड़ के दौरान कुपवी क्षेत्र की मझौली पंचायत के गौंठ निवासी कुलभूषण शहीद हो गए थे। परिजनों से मिली सूचना के अनुसार सर्च अभियान के दौरान कुलभूषण की टांग में एक गोली लगी थी।
इसके बाद साथी उन्हें सेना के बारामूला अस्पताल लाए। अधिक रक्तस्राव की वजह से वह कोमा में चले गए। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए तुरंत सेना के मुख्य अस्पताल श्रीनगर पहुंचाया गया।
अस्पताल में उपचार के दौरान कुलभूषण शहीद हो गए। अंतिम यात्रा में प्रशासन की ओर से उपमंडलाधिकारी कुपवी नारायण सिंह चौहान, एसडीपीओ चौपाल राज कुमार, खंड विकास अधिकारी कुपवी विनीत ठाकुर, थाना प्रभारी कुपवी शिव शक्ति उपस्थित रहे ।
कुलभूषण अपने पीछे 25 वर्षीय पत्नी नीतू, ढाई महीने का बेटा, पिता प्रताप, माता दुर्मा देवी, तीन बहनों रेखा, किरण और रजनी को रोता बिलखता छोड़ गए हैं। कुलभूषण की शहादत के बाद उनके ससुराल चइंजन और ननिहाल घाला में भी मातम का माहौल है।