#HP : कुदरत की माया! बाढ़ में लापता युवक का 100 कि.मी. दूर घर पहुंचाया शव, DNA से होगी जांच
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#HP : कुदरत की माया! बाढ़ में लापता युवक का 100 कि.मी. दूर घर पहुंचाया शव, DNA से होगी जांच

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#HP : कुदरत की माया! बाढ़ में लापता युवक का 100 कि.मी. दूर घर पहुंचाया शव, DNA से होगी जांच


सुंदरनगर, 20 जुलाई : कुदरत का खेल भी अजब-गजब है। यकीन करना मुश्किल है, लेकिन ये सच्चाई है कि 15 दिन पहले हिमाचल की मणिकर्ण घाटी (Manikaran Valley) में आई बाढ़ में लापता युवक का शव उसके पैतृक कस्बे की झील तक पहुंच गया। हालांकि, डीएनए (DNA) की जांच के बाद शव की शिनाख्त होगी, लेकिन बाजू व कान पर बने टैटू से परिवार ने पहचान कर ली है।


6 जुलाई 2022 को मणिकर्ण घाटी के चोज गांव में बादल फटने से बाढ़ आ गई थी। सुंदरनगर का रोहित भी लापता हुआ था। विश्वास कीजिए, रोहित का शव 100 किलोमीटर दूर उसके अपने ही कस्बे की झील बीबीएमबी (BBMB) में बरामद हुआ है। पुलिस को अज्ञात शव के झील में होने की सूचना मिली थी।

चूंकि, रोहित के माता-पिता भी अपने बेटे की तलाश में दर-ब-दर की ठोकरें खा रहे थे, लिहाजा वो भी शिनाख्त करने पहुंच गए। 

टैटू से हुई पहचान, तीन अभी भी लापता… कलौहड़ निवासी रोहित के परिजनों ने शव की बाजू और कान के पीछे बने टैटू के आधार पर शिनाख्त की है। परिजनों ने पुलिस को बताया कि यह शव रोहित का ही है। क्योंकि रोहित ने ही अपनी बाजू पर भगवान शिव और कान के पीछे टैटू बनाया था।

हालांकि अभी शव परिजनों के हवाले नहीं किया गया है और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। वहीं, रोहित के साथ तीन अन्य लोग भी लापता बताए गए हैं, जिनका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है।

शव के झील में आने की ये हो सकती है थ्योरी…. मनीकर्ण घाटी में जहां यह घटना घटी, वहां का सारा पानी पार्वती नदी में आता है। पार्वती नदी (Parvati River) भुंतर के पास ब्यास नदी (Beas River) में मिल जाती है। ब्यास नदी पर लारजी और पंडोह के पास दो डैम बने हुए हैं। बरसात के चलते इन डैमों से पानी छोड़ा गया है। हो सकता है कि लारजी डैम से यह शव पानी के बहाव में सीधे आगे निकल गया हो। वहीं पंडोह डैम (Pandoh Dam) से बग्गी तक पानी ले जाने के लिए 13 किमी की टनल बनाई गई है। अनुमान है कि यह शव इसी टनल से होकर बग्गी पहुंचा और वहां से नहर से होता हुआ सुंदरनगर जा पहुंचा हो।

कैंपिंग साईट चलाकर कर रहा था परिवार का पालन पोषण… रोहित अपने परिवार का इकलौता सहारा था और चोज गांव के पास कैंपिंग साईट चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। रोहित के पिता की वर्ष 2005 में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। रोहित की मां मिड-डे-मील वर्कर है और घर में एक बड़ी बहन भी है।

डीएनए जांच करवाएगी पुलिस…. एएसपी मंडी आशीष शर्मा ने मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि परिजनों ने शव की शिनाख्त भले ही कर ली है, लेकिन हर बात को पुख्ता करने के लिए डीएनए करवाया जाएगा। उसके बाद ही कहा जा सकेगा कि शव किसका है। अभी शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चल पाएगा कि मौत कब और किन कारणों से हुई थी।
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