हिमाचल में बारिश-ओलावृष्टि, कुल्लू में फटा बादल, बिजली गिरने से 20 भेड़-बकरियों की मौत
हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में बुधवार को प्री मानसून के बादल बरसे। कुल्लू की गड़सा घाटी में बादल फटने से कई घरों में पानी और मलबा चला गया। एक गाय बह गई और दो सड़कें बंद हो गईं। हालांकि बाद में एक सड़क को बहाल कर दिया गया। शिमला, धर्मशाला, कुल्लू, मनाली, भुंतर में बुधवार शाम को बारिश हुई। मंडी जिले के सराज, चौहारघाटी और कांगड़ा के बरोट में भारी ओलावृष्टि हुई, जिससे फसलों को नुकसान हुआ है।
उधर, कुल्लू में सैंज के रैला गांव में बिजली गिरने से 20 भेड़-बकरियों की मौत हो गई। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने गुरुवार को भी प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश और अंधड़ का येलो अलर्ट जारी किया है। अगले एक हफ्ते मौसम खराब रहने और 20 जून को प्रदेश में मानसून के पहुंचने का पूर्वानुमान है। राजधानी शिमला में बुधवार को दिन भर हल्के बादल छाए रहे। शाम 6:00 बजे शहर में झमाझम बारिश शुरू हुई।
भुंतर के साथ लगती गड़सा घाटी के खड़ीसेरी नाला में बादल फटने से बाढ़ आ गई। जिला कुल्लू की रोट पंचायत से लेकर हुरला व गड़सा पंचायतों के लोगों में अफरातफरी मच गई। बाढ़ से एक गाय भी बह गई है। जबकि खड़ीसेरी गांव में कई घरों में बाढ़ का मलबा घुस गया है। बाढ़ आने से भुंतर-गड़सा मार्ग करीब एक घंटे तक बंद रहा। जबकि अमर डवार से अप्पर खड़ीसेरी को निकाला गया संपर्क मार्ग अभी बंद है। सड़क का हिस्सा बाढ़ में बह गया है। बाढ़ का मलबा कई जगह खेतों में घुसा और बगीचों को भी नुकसान पहुंचा है।
स्थानीय पंचायत रोट के प्रधान राजेंद्र पाल शर्मा ने कहा कि बुधवार शाम को बादल फटने से पूरी गड़सा घाटी के लोग सहम गए। उन्होंने कहा कि बादल शाड़ाढाल जंगल में फटा है और यहीं से मलबा खड़ीसेरी नाला में बहता हुआ आया। बाढ़ का मलबा खड़ीसेरी गांव के तेज राम, अमर सिंह, सुखराम तथा बुधराम आदि के रिहायशी घरों में घुस गया। वहीं बाढ़ की चपेट में तेज राम की एक गाय भी आई है। उधर, उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने कहा कि राजस्व विभाग से नुकसान की रिपोर्ट मांगी है।
उधर, चौहारघाटी की ग्राम पंचायत खलैहल में भारी ओलावृष्टि से किसानों की नकदी फसलों को भारी क्षति पहुंची है। ओलावृष्टि से पल भर में किसानों के खेतों ने सफेद चादर ओढ़ ली। ओलावृष्टि ने किसानों के खेतों में नकदी फसलों के पौधे जड़ से ही नष्ट कर दिए हैं। खलैहल पंचायत के गांव मयोट की कुफरी सारंग धार में किसानों की लगभग 400 बीघा भूमि में नकदी फसलों को नुकसान हुआ है।