Ukraine में फंसे लाडलों की चिंता में रो पड़े अभिभावक, PM Modi से लगाई मदद की गुहार
ऊना: यूक्रेन में फंसे हिमाचल के ऊना जिला के कई बच्चों के अभिभावक चिंताओं में डूबे हुए हैं। एक तरफ रूस द्वारा की जा रही बमबारी के बीच उनके लाडले असुरक्षित हैं तो वहीं दूसरी तरफ बच्चों को भारत वापस लाने के लिए कहीं भी सुनवाई नहीं हो पा रही। इतना ही नहीं भारत वापसी के लिए प्रयास करने वाले बच्चों को लूट खसूट का भी सामना करना पड़ रहा है। यूक्रेन से भारत आने के लिए जो एयर टिकट 27 से 28 हजार रुपए में उपलब्ध होता था अब उसके ही दाम 2.12 लाख रुपए तक जा पहुंचे हैं। खून-पसीना एक करके विदेश में बच्चों को डॉक्टरी की पढ़ाई कराने वाले अभिभावकों के लिए नित नई मुसीबतें मुंह बोए खड़ी हो रही हैं।
अभिभावकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है कि जिस तरह उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समय-समय पर पैदा हुए संकट के बीच विभिन्न देशों से भारत वासियों को सुरक्षित निकाला है, उसी तरह इस मामले में भी पहल करते हुए यूक्रेन में फंसे हिमाचल ही नहीं बल्कि भारत के प्रत्येक राज्य के नागरिकों को सुरक्षित निकालने की दिशा में कदम बढ़ाया जाना चाहिए। बच्चों को भारत वापस लाने की गुहार लगा रहे अभिभावकों के आंसू तब निकल पड़े जब उन्होंने यह बताया कि उनके लाडले यूनिवर्सिटी से एयरपोर्ट के लिए तो निकले थे लेकिन एयरपोर्ट बंद होने के बाद उन्हें वहां पर कोई आश्रय नहीं मिल पा रहा। इतना ही नहीं, भारतीय छात्रों के अंतर्राष्ट्रीय डैबिट कार्ड भी यूक्रेन में चलना बंद हो चुके हैं। जिन-जिन शहरों में ये कार्ड चल रहे हैं वहां पर एटीएम के बाहर 2-2 किलोमीटर लंबी लाइनें लगी हैं। युद्ध के हालातों में यूक्रेन में भी स्थानीय नागरिकों को सुरक्षित करने को प्राथमिकता दी जा रही है, ऐसे में भारतीय छात्रों का यूक्रेन में कौन खैर ख्वाह बनेगा।