चुनिदा दुकानदारों को बुलाए जाने पर शहर के अन्य दुकानदारों ने जाहिर की नाराजगी
घुमारवीं
मंगलवार को हुए शहर के लिए बनने वाले संपर्क मार्ग के शिलान्यास कार्यक्रम में व्यापार मंडल पर दोहरी नीति अपनाते हुए चुनिदा दुकानदारों को ही बुलाए जाने पर शहर के अन्य दुकानदारों द्वारा अपनी नाराजगी जाहिर की गई है। बताते चलें कि शहर में बढ़ते जा रहे यातायात की वजह से लगने वाले जाम से छुटकारा दिलाने के लिए एक संपर्क सड़क का निर्माण किया जा रहा है। जिसका शिलान्यास मंगलवार को खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग द्वारा किया गया इस कार्यक्रम में शहर के कुछ चुनिंदा दुकानदारों को ही निमंत्रण दिया गया था।
जिस पर कुछ अन्य दुकानदारों द्वारा अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा गया कि जब शहर का कार्यक्रम था और दुकानदारों को बुलाया जाना था तो इसमें भेदभाव की नीति क्यों अपनाई गई ।जबकि जब शहर के सभी व्यापारियों के हित के लिए इस से संपर्क सड़क का निर्माण किया जाना था तो सभी स्थानीय दुकानदारों को कार्यक्रम का निमंत्रण दिया जाता। ऐसा ना करते हुए कार्यक्रम में शहर के कुछ बड़े तथा चुनिंदा दुकानदारों को ही निमंत्रण दिया गया जिसके कारण शहर के अन्य दुकानदार अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं दुकानदारों ने इसे भेदभाव पूर्ण रवैया बताया है। दुकानदारों का कहना है कि मंत्री के इतने बड़े कार्यक्रम के लिए व्यापार मंडल चाहता तो उन सभी दुकानदारों को निमंत्रण दे सकता था कार्यक्रम में शहर के बड़े दुकानदारों को पिक एंड चूज का फार्मूला बनाते हुए बुलाया गया ।
दुकानदारों का कहना है कि अक्सर शहर के छोटे दुकानदारों के साथ ऐसा बर्ताव किया जाता है। वहीं अगर बात स्थानीय ग्रीष्म उत्सव की की जाए तो दुकानदारों का मानना है कि वहां भी छोटे दुकानदारों को बैठने के लिए नहीं पूछा जाता। जबकि हर छोटा-बड़ा दुकानदार इस मेले के लिए अपना योगदान देता है ।यहां तक कि मेले कि एक सांस्कृतिक संध्या का जिम्मा भी व्यापार मंडल के कंधों पर ही होता है तथा व्यापार मंडल इस संध्या का आयोजन भी स्थानीय दुकानदारों से के बाद ही कर पाता है ।जबकि उस दिन भी स्थानीय दुकानदारों के लिए बैठने का कोई अलग से इंतजाम नहीं किया जाता है इसीलिए छोटे दुकानदार उनके प्रति इससे भेदभाव पूर्ण रवैया पर खफा नजर आए
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यह व्यापार मंडल का कार्यक्रम नहीं था इसलिए व्यापार मंडल ने किसी को भी निमंत्रण नहीं दिया था जो भी कार्यक्रम में आया था वह है अपनी मर्जी से आया था या फिर उसे लोक निर्माण विभाग द्वारा निमंत्रण दिया गया था।
-- राजेश शर्मा (कोषाध्यक्ष व्यापार मंडल घुमारवीं)