बिलासपुर - कहलूर न्यूज़
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के छोटे से गांव रघुनाथपुरा की कीर्ति सिंह चंदेल सिंगापुर में अपनी निजी कंपनी की प्रमुख हैं। वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक पर सिंगापुर में पर्यटन, उद्योग और स्वास्थ्य सेवाओं पर काम कर रही हैं। साधारण शब्दों में कहा जाए तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ एक मशीन में सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना होता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कंप्यूटर साइंस का सबसे उन्नत रूप माना जा रहा है। इसमें एक ऐसा रूप बनाया जाता है, जिसमें कंप्यूटर सोच सके, कंप्यूटर का ऐसा दिमाग जो इंसानों की तरह सोच सके। कीर्ति चंदेल कहती हैं कि कोविड-19 के चलते उन्होंने यूनाइटेड नेशंस की संस्था विश्व स्वास्थ्य संगठन पर भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर कई परामर्श दिए।
ये यू-ट्यूब पर उपलब्ध हैं। वर्तमान में सिंगापुर सरकार को कीर्ति और उनकी टीम विश्व पर्यटन और व्यापार में खास कर हेवी इंडस्ट्री में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर सिंगापुर सरकार के साथ प्रोजेक्ट कर रही हैं। कीर्ति का मानना है कि विश्व पटल पर पर्यटन और व्यापार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की अपार संभावनाएं हैं। कीर्ति पेशे से इंजीनियर हैं, लेकिन अपनी प्रबंधन की कुशल तकनीक से आज दुबई और एशिया पैसिफिक देशों में कई परामर्श सम्मेलनों में अपनी बुद्धिमत्ता का परिचय दे चुकी हैं।
बिलासपुर के एक निजी स्कूल से मैट्रिक, बिलासपुर कन्या विद्यालय से साइंस में जमा दो के बाद बद्दी विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन तकनीक में इंजीनियरिंग फिर एमटेक मिसाइल कम्युनिकेशन कुरुक्षेत्र विवि से करने के साथ विश्व की स्मार्ट बिंग अमेरिकन स्टार्टअप कंपनी में सेवाएं देने के बाद वू-हू-अल कंपनी में सिंगापुर में कंपनी हेड की सेवाएं बतौर कंसलटेंट दे रही हैं।
कीर्ति का कहना है कि वह इस क्षेत्र में डॉक्टरेट भी करना चाहती हैं। कीर्ति के पिता प्रदीप चंदेल वकील हैं। माता मधु सिंह चंदेल एक गृहिणी हैं।