नीट पीजी में एआईआर-468, आईएनआईसीईटी में 126वीं रैंक, मिनर्वा की सान्वी संख्यान का शानदार प्रदर्शन
-मिनर्वा संस्थान की पूर्व छात्रा डॉ. सान्वी संख्यान को बड़ी सफलता, नीट पीजी में 468वीं व आईएनआईसीईटी में 126वीं रैंक
घुमारवीं
मिनर्वा संस्थान घुमारवीं की पूर्व छात्रा डॉ. सान्वी संख्यान ने देश की प्रतिष्ठित चिकित्सा प्रवेश परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। डॉ. सान्वी ने नीट (पीजी) परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 468 तथा आईएनआईसीईटी में 126वीं रैंक हासिल की है। वर्तमान में उन्होंने आईजीएमसी शिमला से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर ली है और अब पीजीआईएमआर, चंडीगढ़ से पीजी की पढ़ाई करेंगी।
इस उपलब्धि पर मिनर्वा संस्थान में एक सादे समारोह का आयोजन कर उन्हें सम्मानित किया गया। इसी अवसर पर संस्थान में एलुमनी इंटरैक्शन कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें डॉ. सान्वी ने नीट (यूजी) अभ्यर्थियों से अपने अनुभव साझा किए।
मिनर्वा संस्थान के संस्थापक प्रवेश चंदेल ने कहा कि डॉ. सान्वी शुरू से ही मेधावी छात्रा रही हैं और उन्होंने जमा दो हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की टॉप टेन सूची में टॉप किया है। उन्होंने कहा कि मेहनत और अनुशासन ही सफलता की असली कुंजी है। वर्ष 2019 में सान्वी का चयन एमबीबीएस के लिए हुआ था और निरंतर परिश्रम के बल पर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है।
इस अवसर पर मिनर्वा स्टडी सर्कल के सीएमडी राकेश चंदेल और एमडी स्वदेश चंदेल ने डॉ. सान्वी को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि न केवल संस्थान बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि मिनर्वा का उद्देश्य ग्रामीण व अर्ध-शहरी क्षेत्रों के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन देना है और सान्वी की सफलता उसी प्रयास का परिणाम है। इस मौके पर सान्वी के पिता विजय संख्यान, आरती चंदेल सहित अन्य मौजूद रहे।
पैनिक नहीं करें, आसान सवाल पहले हल करें : डॉ. सान्वी
डॉ. सान्वी ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि मिनर्वा एक बेहतर संस्थान है, जहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सही मार्गदर्शन मिलता है। उन्होंने छात्रों को मेहनत, आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की सलाह दी।
डॉ. सान्वी ने कहा कि परीक्षा के दौरान पैनिक नहीं करना चाहिए। यदि कोई प्रश्न कठिन लगे तो उस पर अटकने के बजाय अगला प्रश्न देखें और पहले आसान प्रश्न हल करें। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है और समय का बेहतर प्रबंधन होता है।
उन्होंने असफलताओं को अनुभव मानकर आगे बढ़ने, लक्ष्य तय करने और नियमित अभ्यास पर विशेष जोर दिया।