चिट्टे की वजह से पतझड़ में पेड़ों से गिरने वाले पत्तों की तरह मर रहे हैं आज युवा – महेंद्र धर्मानी
हिमाचल प्रदेश में नशे की बढ़ती समस्या को लेकर संस्कार संस्था द्वारा चलाए जा रहे "चिट्टा अगेंस्ट घुमारवीं" अभियान के तहत रविवार को ग्राम पंचायत सेऊ के जाहडी गांव में विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में संस्कार संस्था के संस्थापक तथा "चिट्टा अगेंस्ट घुमारवीं" अभियान के जनक महेंद्र धर्मानी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
इस मौके पर महेंद्र धर्मानी ने नशे के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में चिट्टा की लत तेजी से बढ़ रही है, जो युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रही है। उन्होंने इस नशे को समाज के लिए "एक धीमा जहर" बताया और कहा की आज प्रदेश में युवा चिट्टे की वजह से उसी तरह मर रहे हैं जैसे पतझड़ में पेड़ों से पत्ते गिरते हैं। यह बेहद चिंताजनक स्थिति है।
उन्होंने इस बढ़ती समस्या पर चिंता जताते हुए कहा कि यह केवल सरकार या पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि पूरे समाज को इसके खिलाफ एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा की हमारी लड़ाई किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं बल्कि नशे के खिलाफ है। हमे रोग को खत्म करना है, रोगी को नहीं।
उन्होंने कहा कि नशे की रोकथाम के लिए केवल कानून या पुलिस कार्रवाई पर्याप्त नहीं है, बल्कि इसके लिए समाज को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। जब तक समाज का हर व्यक्ति इस अभियान में शामिल नहीं होगा, तब तक इस जहर से युवाओं को बचा पाना असंभव होगा।
उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों के साथ-साथ सभी नागरिकों, विशेष रूप से माता-पिता, शिक्षकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे युवाओं को इस घातक नशे से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि यदि समाज का हर व्यक्ति अपनी भूमिका निभाए, तो इस जहर से युवाओं को बचाया जा सकता है।
कार्यक्रम के अंत में स्थानीय लोगों ने भी अपने विचार साझा किए और इस अभियान को अपने क्षेत्र में आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। इस मौके पर पट्टा पंचायत उपप्राधन मनोज भंडारी,राकेश पटियाल, जोगिंदर सिंह, वीरेंद्र पटियाल, रवि राणा, शशि गौतम तथा गांव के अन्य लोग उपस्थित रहे।