पूर्व मंत्री,दस दिनों के भीतर करें आरोप सिद्ध , नहीं तो करेंगे आगामी कार्रवाई - राजेश धर्माणी
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पूर्व मंत्री,दस दिनों के भीतर करें आरोप सिद्ध , नहीं तो करेंगे आगामी कार्रवाई - राजेश धर्माणी

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पूर्व मंत्री,दस दिनों के भीतर करें आरोप सिद्ध , नहीं तो करेंगे आगामी कार्रवाई - राजेश धर्माणी 


घुमारवीं।

सोमवार को घुमारवीं विश्राम गृह में पत्रकारों को संबोधित करते हुए तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्मानी ने पूर्व मंत्री राजेंद्र गर्ग द्वारा उन पर लगाए गए  आरोपों को सिरे से नकारते  हुए कहा कि इस तरह के बे बुनियाद आरोप लगाकर उनकी छवि को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है ।उन्होंने कहा कि  राजेन्द्र गर्ग जिस प्रेस वार्ता का  हवाला दे रहे हैं कि किसी व्यक्ति द्वारा उन पर पैसे लिए जाने का आरोप लगाया गया है वह गर्ग को इस बात की जानकारी देना चाहते हैं कि उस प्रेस कॉन्फ्रेंस को एक बार फिर से ध्यान से देखें। क्योंकि उसमें उस  व्यक्ति ने यह नहीं कहा है कि उन्होंने राजेश धर्मानी को पैसे दिए हैं बल्कि यह कहा है कि राजेश  धर्माणी के नाम पर एक व्यक्ति ने पैसे लिए हैं।

 उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद इस सारे मामले की जांच की तो पाया, जिस व्यक्ति ने प्रेस वार्ता की है उसका नाम गौरव गर्ग है और यह वही इंसान है जिसके लिए खुद पूर्व मंत्री राजेंद्र गर्ग ने उसकी मदद करने के लिए कईं अधिकारियों को फोन किए हैं। इस बात का जवाब खुद राजेंद्र गर्ग दे कि वह गौरव गर्ग को कैसे जानते हैं और उनका उससे क्या रिश्ता है। धर्मानी ने कहा कि पूर्व मंत्री गर्ग राजनीतिक  रोटियां सेकने का काम कर रहे हैं ,क्योंकि जिस व्यक्ति की बात उन्होंने की है वह किसी कंपनी का मालिक है। और तीन लोगों ने आपस में किसी काम को लेकर पार्टनरशिप की है और उसी को लेकर उनका आपसी झगड़ा है ।जबकि पूर्व  मंत्री अपनी राजनीति की दुकान चलाने के लिए  उनपर मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं।

धर्माणी ने कहा कि यह तो पूर्व मंत्री भी भलीभांति जानते हैं कि जो भी प्रक्रिया होती है वह टेंडर के माध्यम से ही होती है तथा संबंधित विभाग द्वारा पूरे नियम के अनुसार ही की जाती है ।धर्मानी ने कहा कि गर्ग चाहे तो सीबीआई छोड़ एफ़बीआई से भी इस बात की जांच करवा सकते हैं ।क्योंकि केंद्र में उनकी सरकार है और इस जांच में वह चाहे तो जेपी नड्डा या अनुराग ठाकुर से भी मदद ले सकते हैं ।यही नहीं अगर गर्ग चाहे तो हिमाचल में एफिडेविट देखकर लोकायुक्त से भी इस बात की जांच करवा सकते हैं। और अगर उन्हें इस बात के लिए मेरी तरफ से कोई कंसेंट चाहिए तो मैं वह भी लिख कर देने को तैयार हूं।
और मैं खुद मांग करता हूं कि इन सभी आरोपों की जांच होनी चाहिए ।

उन्होंने कहा कि राजेंद्र गर्ग स्वयं एक मंत्री रह चुके हैं और उन्हें यह पता होना चाहिए कि सरकार में कैसे काम होता है ।जबकि उनके कार्यकाल में तो करोड़ों रुपए के काम बिना टेंडर के होते रहे हैं । उन्होंने कहा कि  यह आरोपउनकी पूरी जिंदगी की ईमानदारी पर एक धब्बा है और इस धब्बे को साफ करने के लिए उन्हें जो भी कदम उठाने होंगे वह उठाएंगे ।धर्मानी   के कहा कि वह राजेंद्र गर्ग को 10 दिन का समय देते हैं अगर इन 10 दिनों में आप इन आरोपों को सिद्ध नहीं करते हैं तो  वह गर्ग खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे ।क्योंकि उन्होंने पूरी जिंदगी ईमानदारी से कार्य किया है और वह आगे भी इमानदारी से ही कार्य करते रहेंगे।
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