प्रेस और अभिव्यक्ति की आजादी की हमेशा विरोधी रही है कांग्रेस सरकार : महेंद्र धर्माणी
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प्रेस और अभिव्यक्ति की आजादी की हमेशा विरोधी रही है कांग्रेस सरकार : महेंद्र धर्माणी

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प्रेस और अभिव्यक्ति की आजादी की हमेशा विरोधी रही है कांग्रेस सरकार : महेंद्र धर्माणी


घुमारवीं।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र धर्मानी ने प्रदेश सरकार द्वारा पत्रकारों को कानूनी कार्यवाही का नोटिस देने और एफ आई आर करवाने की घटनाओं को सरकार की सरकार की तानाशाही तानाशाही और लोकतंत्र विरोधी कार्रवाई करार दिया है उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कांग्रेस के कांग्रेस के नेताओं द्वारा प्रदेश भर में पत्रकारों तथा मीडिया के लोगों को डराने धमकाने के असफल प्रयास किए जा रहे हैं जिसकी भारतीय जनता पार्टी कड़ी निंदा करती है


महेंद्र धर्मानी ने कहा कि आज प्रदेश में कांग्रेस के राज में  चारों ओर भ्रष्टाचार पनप रहा है और जो लोग इस भ्रष्टाचार को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं सरकार उस सच को दबाने की असफल कोशिश कर रही है ।उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास रहा है कि जिस तरह आपातकाल 1975 में प्रेस पर प्रतिबंध लगाकर जनता की आवाज को कुचलने का प्रयास किया गया था वैसे ही  वर्तमान परिस्थितियों में कांग्रेस ने  मीडिया की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने का प्रयास किया है ।
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धर्मानी ने कहा कि बिलासपुर में गोविंद सागर में चलने वाले क्रूज मामले में जिस तरह एक व्यवसाई द्वारा सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों पर लगाए गए हैं सरकार  को चाहिए था कि इसकी गंभीरता को समझते हुए उसकी जांच कराती ताकि सच जनता के सामने आता लेकिन आज तक किसी भी अधिकृत व्यक्ति ने बारे में स्पष्ट नहीं किया और जिन लोगों ने जनता के बीच में इस मामले को ले जाने का प्रयास किया सरकार उनका डरने की कोशिश कर रही है।
औऱ मीडिया द्वारा इन खबरों को चलाए जाने के बाद अब उन्हें ही लीगल नोटिस भेज कर उन पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।


 उन्होंने कहा कि अगर करवाई ही करनी है तो सरकार उन अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं । लेकिन कॉंग्रेस नेता खुद को पाक साफ दिखाने के लिए अब मीडिया पर उनके पक्ष में लिखने का दवाब बनाने की कोशिश कर रहे हैं।क्योंकि अब सरकार चाहती है कि मीडिया सरकार तथा उनके  पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपो को ना दिखाएं और सिर्फ सरकार द्वारा  परोसे जा रहे झूठ को ही प्रकाशित करें । इसलिए सरकार में बैठे मंत्री अलग-अलग तरीके से मीडिया पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं और जैसे तैसे करके वह पत्रकारों को डरा धमका कर सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ खबरें लिखने पर लीगल नोटिस भेजने जैसे कार्य करके उन्हें डराने का माहौल बनाया जा रहा है।
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