पिछले 2 सालों में प्रदेश सरकार बेरोजगार युवाओं को नौकरी तो नहीं दे पाई, लेकिन रिक्त पदों को भरने के बजाय उन पदों को ही खत्म करने में लगी : महेंद्र धर्माणी
घुमारवीं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र धर्मानी ने सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड में तकनीकी अधिकारियों के 51 पद खत्म करने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सुख की सरकार अपने चुनावी वादे को भूल गई है और अब कांग्रेस चुनाव के दौरान दी गई गारंटीयों के विपरीत कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार व्यवस्था परिवर्तन हो रहा है और इसी परिवर्तन के तहत अब सरकार में लोगों को नौकरियां मिलना तो दूर की बात अब नौकरियां छीनी जा रही है ।।एक तरफ तो सरकार 5 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा कर सत्ता में आई थी लेकिन अब सत्ता में आने के बाद दिन प्रतिदिन जन विरोधी निर्णय लेकर लोगों के विश्वास के साथ खिलवाड़ कर रही है।
धर्माणी ने कहा कि पिछले 2 सालों में प्रदेश सरकार बेरोजगार युवाओं को नौकरी तो नहीं दे पाई लेकिन अब रिक्त पदों को भरने के बजाय उन पदों को ही खत्म करने में लगी है । उन्होंने कहा कि आए दिन सरकार के तुग़लकी फरमानों से साफ जाहिर हो रहा है कि प्रदेश सरकार पूरी तरह दिवालियेपन का शिकार हो चुकी है ।
उन्होंने कहा कि सुखु सरकार नए-नए फरमान जारी करने कीर्तिमान स्थापित करती जा रही है। एक तरफ तो सरकार नई नौकरियां देने के वादे के साथ आई थी जिसके तहत साकार ने बिजली बोर्ड में 63 हजार खाली पदों को एक साथ भरने का वादा किया था लेकिन दूसरी तरफ जिस तरह से बिजली बोर्ड के सीनियर लेवल के ऑफिसर्स के लगभग 51 पदों को निरस्त कर दिया गया है ,इससे साफ जाहिर है कि प्रदेश सरकार की वितीय हालत सही नहीं है ।
यही कारण है कि सरकार में अजीबोगरीब फरमान जारी कर जहां एक तरफ आम जनता की जेब में डाका डालने में लगी हुई है ।वही बिजली बोर्ड में जिस तरह से पदों को निरस्त किया गया है उससे साफ जाहिर होता है कि प्रदेश सरकार युवा विरोधी है तथा प्रदेश सरकार की नीतियों तथा नित नए फरमानों से आम जनता के साथ-साथ बेरोजगार युवा भी त्रस्त है और आज खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। क्योंकि एक तरफ दिन प्रतिदिन बेरोजगारी बढ़ रही है और दूसरी तरफ तो प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवा नौकरियों की तलाश में भटक रहे हैं।
भाजपा प्रवक्ता धर्मानी ने कहा कि भाजपा युवा विरोधी और युवाओं का शोषण करने वाली सरकार की इस फैसले का विरोध करती है और तुरंत इस फरमान को वापस लेने की मांग करती है की सरकार अपने चुनावी वादों के अनुसार बेरोजगार युवाओं को एक लाख सरकारी नौकरियां दे, ताकि बेरोजगार युवा सम्मान के साथ अपना जीवन यापन कर सकें