नशे की उपलब्धता ही युवा को खराब कर रही है : ओपी शर्मा
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आने वाले तीन वर्ष प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण इन तीन वर्षों में प्रदेश की युवाओं को चिट्टे से बचाना होगा ।
घुमारवीं।
संस्कार सोसाइटी आज समाज मे सबसे बड़ी चुनोती बन चुके चिट्टे तथा अन्य ड्रग को खत्म करने तथा युवा पीढी को जागरूक कर उन्हें इस दलदल से बचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह बात मुख्यवक्ता ओम प्रकाश शर्मा पूर्व नारकोटिक अधिकारी एवं पूर्व संयोजक नशा निवारण कमेटी हि. प्र. ने संस्कार सोसायटी द्वारा घुमारवीं में घुमारवीं अगेंस्ट चिट्टा के तहत की आयोजित की गई एक कार्यशाला के दौरान कही। रविवार को आयोजित इससे कार्यशाला में पूर्व नारकोटिक अधिकारी ओम प्रकाश शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे वही मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता शीतल वर्मा विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रही।
इस कार्यशाला के आयोजन के दौरान ओपी शर्मा ने कहा कि हमारा भारत देश दो ऐसे देशों के बीच में खड़ा है जो देश ड्रग पैदा करते है। भारत एक युवा देश है पड़ोसी देश यह पचा नही पा रहे है कि भारत एक युवा शक्तिशाली देश है । आज पाकिस्तान आईएसआई कि मदद से ड्रग की बहुत बड़ी खेती कर रहा है । जिसकी अधिकतर सप्लाई वह भारत देश मैं हो रही है ।उन्होंने कहा कि नशे की उपलब्धता ही युवा को खराब कर रही है ।सरकार को इसपर कठोर से कठोर निर्णय लेने होंगे । उन्होंने बताया कि1985 एक्ट के तहत प्रदेश में चार एजेंसी या विभाग है जिनका काम एंटी ड्रग के लिये काम करना है।। लेकिन केवल मात्र एक पुलिस विभाग ही यह काम कर रहा है ।
उन्होंने कहा कि संस्कार सोसाइटी का घुमारवीं अगेंस्ट चिट्टा अभियान राष्ट्रीय स्तर की तरह साइंटिफिक लेबल से काम कर रहा है ।उन्होंने कहा कि आने वाले 3 वर्षों को प्रदेश के लिए सबसे महत्वपूर्ण बताया और कहा कि अगर इन तीन वर्षों में प्रदेश को इस चिट्टे से बचाया नही गया तो हिमाचल प्रदेश का भी पंजाब की तरह हालात हो जाएगी । क्योंकि आज पंजाब में प्रेगा और फेंटानील जैसे ड्रग बिकना शुरू हो गई है ।जोकि चिट्टा से 40% खतरनाक है । और धीरे-धीरे यह ड्रग में हिमाचल प्रदेश में भी पहुंचना शुरू हो गई है। इससे बचने के लिए आधुनिक ट्रीटमेंट प्लांट की आवश्यकता है और मॉडर्न नशामुक्ति केंद्र बनाने होंगे । आज डार्क नेट (इन्टररनेट) से कमरे में ड्रग सप्लाई हो रही है और आज डार्क नेट बहुत बड़ी चुनोती है । समाज से नशे को खत्म करने के लिए हमे बिना राजनीतिक के एक होकर काम करके युवा पीढ़ी को बचाया जा सकता है ।
इस मौके पर मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता शीतल वर्मा ने कहा कि चिट्टा नामक नशे को खत्म करना एक व्यक्ति का काम नही इसके लिये हम सभी को अपने-अपने स्तर पर मिलकर काम करना पड़ेगा। उन्होंने कहा अध्यापको को भी अपनी क्लास में 5 मिनट के लिए बच्चो को एंटी ड्रग के प्रति जानकारी देनी चाहिए और बच्चो को साफ वातावरण देना पड़ेगा ।ताकि बच्चे अध्यापक के साथ हर बात सांझा करे । बच्चो के पास अगर उनका लक्ष्य होगा तो बच्चा ओर कही नही जाएगा और फिर अपने लक्ष्य की तरफ ही जायेगा । उन्होंने कहा कि मैं आज तक 8 लाख बच्चों से इंटरेक्शन कर चुकी हूं । अभिभावको को बच्चो के साथ हर रोज चर्चा करनी चाहिए की वो स्कूल में क्या करते है । हमे बच्चों को ड्रैग के बारे में बताना होगा कि ये हमारे घर का कल्चर नही है । उन्होंने यूथ से कहा कि किसी भी परिस्तिथि में ड्रग नही लेना है । यूथ को देखना होगा कि ड्रग हमे कुछ नही देती लेकिन हमारा सब कुछ ले लेती है ।
संस्था के संस्थापक महेंद्र धर्माणी ने कहा कि संस्था ने सर्वेक्षण में पाया 45.32 प्रतिशत पैसे के लालच में चिट्टा बेचने वालों को जिम्मेदार मानते है। पुलिस और नेताओं को बोलने से कुछ नही होगा इस चिट्टा ड्रग से हम सबको मिलकर निपटना होगा । संस्था पंचायत ,गांव स्तर भी कमेटियां बनाएगी और इस अभियान को आगे बढ़ाएगी । कार्यशाला में घुमारवीं उपमंडल के पंचायत प्रतिनिधि व गांव के अन्य वरिष्ठ लोगों उपस्तिथ रहे । घुमारवीं अगेंस्ट चिट्टा जागरूकता अभियान की शुरुआत संस्था द्वारा अक्तूबर 2023 में कई गई थी । एक वर्ष के कार्यकाल में संस्था ने विभिन्न कार्यक्रमों व माध्यमों से इस अभियान को जनता और युवाओं के बीच में ले जाने की एक सार्थक पहल की है।