ग्राम सभाओं से चिट्टा के खिलाफ सख्त कानून बनाने के लिये प्रस्ताव पारित करवाएगी संस्कार संस्था
संस्कार संस्था घुमारवीं जुलाई माह से घुमारवीं उपमंडल की ग्राम पंचायतों में होने वाली आम सभाओं से चिट्टा के खिलाफ सख्त कानून बनाने के लिये प्रस्ताव पारित करवाएगी। संस्कार संस्था विभिन्न समाजिक संस्थाओं व आमजन के साथ मिलकर अभियान को घर घर तक पहुंचाने का कार्य करेगी। यही नहीं पंचायत - गांव स्तर पर जागरूकता व निगरानी कमेटी गठित की जाएगी।
घुमारवीं में आयोजित प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए संस्थापक महेंद्र धर्माणी ने कहा कि प्रदेश में चिट्टा के कारण हो रही मौतें, पुलिस द्वारा की गई करवाई में पकड़ी गई चिट्टे की मात्रा और विधानसभा पटल पर सरकार द्वारा रखे गए आंकड़े यह बताने को पर्याप्त है कि किस प्रकार चिट्टा हमारे बच्चों को हमारे से छीन रहा है और युवाओं का भविष्य खराब कर रहा है। चिट्टा के कारण हो रहे नुकसान व इस सामाजिक चुनैती की गम्भीरता को स्वीकार करते हुए संस्कार सोसाइटी घुमारवीं ने इस जानलेवा नशा के विरुद्ध निर्णायक अभियान प्रारम्भ करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि संस्था ने निर्णय लिया है कि
इस अभियान के संचालन के लिये उपमण्डल स्तर पर एक संचालन समिति का गठन किया जाएगा। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर समाज के विभिन्न वर्गों जिसमें वरिष्ठ नागरिक, छात्र - युवा , पुलिस , महिला, डॉक्टर, पंचायत प्रतिनिधि, अधिवक्ता और सामाजिक संस्थाओं को जोड़ने का प्रयास संस्था द्वारा किया जाएगा। जिसके माध्यम से इस अभियान को आमजन अभियान बनाया जाएगा।
महेन्द्र धर्माणी ने बताया कि संस्था ने चिट्टा के खिलाफ जागरूकता अभियान की शुरुआत 15 अक्टूबर से छात्रों में एक पमलेंट का वितरण करके घुमारवीं से की थी। घुमारवीं विकास खंड की सभी ग्राम पंचायतों के जनप्रतिधियों व शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों को एक पत्र लिखकर इस अभियान से जुड़ने और सहयोग करने की अपील की। ग्राम पंचायत सम्पर्क अभियान 25 नवंबर 2023 सांडयार पंचायत से हुआ। इस अभियान में 27 ग्राम पंचायतों में छोटी बैठकों के माध्यम से 48 स्थानों पर सम्पर्क किया।
उन्होंने कहा कि छात्र संपर्क अभियान के अंतर्गत
16 शिक्षण संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित किये गए। जिसमें पेम्पलेट वितरण व सर्वेक्षण फॉर्म भी भरवाये गए। घुमारवीं उपमंडल के 20 स्कूलों में पेंटिंग प्रतियोगिता का अयोजन करके छात्रों को जागरूक गया। अपने अपने विद्यालयों में प्रथम, द्वितीय, तृतीय आने वाले छात्रों के लिये उपमंडल स्तरीय प्रतियोगिता 8 जून को सम्पन्न हुए जिसमे 52 बच्चो ने भाग लिया।
महेंद्र धर्माणी ने कहा कि संस्था द्वारा चलाये जा रहे जागरूकता अभियान के दौरान छात्र छात्रों, माता पिता व जनप्रतिनिधियों से मिलकर यह अहसास हुआ कि समाज का प्रत्येक वर्ग चिट्टा के कारण बर्वाद हो रही अपनी युवा पीढी के भविष्य के लिये चिंतित है ।
आमजन चिट्टा के खिलाफ सख्त कानून चाहता है तथा जो बच्चे इसके चंगुल में फस गए है उन्हें विशेषज्ञों के परामर्श से बाहर निकलने का इच्छुक है । इस नशे को बचने वालों को पुलिस व राजनेता या समाज के प्रभावी लोग संरक्षण न देने की मांग लोग कर रहे है। उन्होंने कहा कि संस्कार सोसाइटी अपने सामाजिक दायित्व के लिये वचनवद्ध है तथा इस अभियान को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से समाज को नशामुक्त बनाने को संकल्पित है ।