अनुशासन बच्चों को शिष्टाचार व उनके व्यक्तित्व को निखारने में करता मदद:-सोनी.
- शिवा स्कूल में धूमधाम से मनाया दूसरे दिन का वार्षिक समारोह
- डाल डाल पर सोने कि चिड़िया करती है बसेरा .
घुमारवीं
शिवा अंतराष्ट्रीय विद्यालय घुमारवीं में दूसरा वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह रविवार को धूमधाम से मनाया गया। समारोह में बतौर मुख्यातिथि सेवानिवृत्त अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला सुरेश सोनी ने शिरकत की। इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में एसडीएम गगरेट शशिपाल शर्मा, डीएसपी सरकाघाट संजीव गौतम, शिवा समिति के प्रबंधक निदेशक ई. पुरुषोतम शर्मा, डी .ए. वी स्कूल बरमाणा प्रधानाचार्य सुनील गांगटा, शिव शक्ति कान्वेंट स्कूल कसारू प्रधानाचार्या निर्मला देवी, चेतना संस्था के कार्यकारी निर्देशक विनोद कुमार मौजूद रहे।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्या डॉ शिल्पा गोयल ने उपस्थित सभी का स्वागत किया तथा स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि स्कूल में भारतीय भाषा उत्सव प्रोग्राम के तहत बच्चों को अन्य राज्यों की भाषा, संस्कृति से अवगत कराया जा रहा है। कक्षा दसवीं के 4, कक्षा बाहरवीं के विभिन्न संकाय के 9 डिस्टिंग्शन प्राप्त विद्यार्थियों व सैनिक स्कूल के लिये चयनित विद्यार्थियों को शिवा एजुकेशन सोसाइटी द्वारा सम्मानित किया गया। इसके साथ ही पाठशाला के बच्चों ने बाल विज्ञान सम्मेलन में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया है। समारोह में कक्षा चतुर्थ से नवमीं दसवीं तक के छात्रों ने भाग लिया। बच्चों ने स्वगात गीत, सरस्वती बंदना, स्कूल सांग, योगा, एलुमनी एंड अकादमिक अचीवमेंट, शिव स्त्रोतम, डाल डाल पर सोने कि चिड़िया करती है बसेरा, गंगा एक्ट, धरती सुनहरी अम्बर नीला, देश निराला, राम चन्द्र कह गये सिया से, महाभारत, वन्दे मातरम, भांगड़ा इत्यादि प्रस्तुत किए।
वर्ष भर बेहतर प्रदर्शन करने पर इन बच्चों को मिला
मुख्यातिथि ने अपने सम्बोधन में कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। उन्हें आगे बढ़ने का अवसर देकर बच्चों को हर क्षेत्र में आने वाली कठिनाइयों से निपटने के लिए तैयार किया जा सकता है, जिससे देश के विकास में अपना अमूल्य योगदान दे सकें।
उन्होंने कहा कि अनुशासन न सिर्फ बच्चों को शिष्टाचार सिखाता है बल्कि उनके व्यक्तित्व को भी निखारने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि गुरु को हमारे समाज की महत्वपूर्ण संस्था माना जाता है। वे शिष्य के जीवन में प्रभावी प्रेरणा स्रोत हैं और उन्हें ज्ञान और संस्कार देते हैं। गुरु अपने शिष्यों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, उन्हें नई सोच और दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। गुरु के दिए संस्कार शिष्य को आगे बढ़ने में मददगार साबित होते हैं। वहीं शिवा समिति के प्रबंधक निदेशक ई. पुरुषोतम शर्मा ने कहा कि परिजनों के विश्वास से ही संस्थान आगे बढ़ रहा है। उन्होंने सभी को सफल आयोजन पर बधाई दी।
वर्ष भर बेहतर प्रदर्शन करने पर इन बच्चों को मिला सम्मानित:-
नव्या अनिरुद्ध शर्मा अश्लेषा आप आप अनन्या पीयूष यशस्वी, मंदिशा, आराध्य, कृष, अक्षिता, शानवी, कृतिका, अथर्व, शिवांकर, सृष्टि, अर्णव, क्रियांश, पार्थ, राघव, वाटिका, अर्तिका, रेनीष, अनवी, मानवी, अदिती, अक्षिता, स्वस्तिक, तेजस्वी, दिव्यांश, काव्या, मयंक, नाविका, प्रणव, आयुषी, भुवनेश, दिव्यांशी, महक, मर्यादा, सूर्यांश, योजित, सृष्टि, युवान, शगुन, शौर्य, सुहानी, आदित्या, आर्यन, अक्षित, अनु, आद्य, आहना, अमोलिक, अंशिका, मन्नन, अर्णव, आरुष, गरिमा, मान्या, परीक्षित, रणविजय, देवांशी, इवा, सूजन, एंजेल, आयुष, प्रांजल, ऋषिका,अक्षरा, मनीष, पारुल, काव्यांश, लेखा, पर्निका, शम्भबी, गरगी, राहत, श्रीतिज़ा, अजय, लोविष, शिव, गौरव, रोहिणी, सुहानी, सोनल, अनीश, धैर्य, कामना, पुनर्नवा, तन्वी, अभिमन्यु, आदित्य, अक्षित, कनिका, पृथिका, स्वाति, इश्मिता, नेहा, वेदांश, दीक्षा, अभय, कृषिता, ओसीन, भावना, काजल, प्रियांशी, अर्पिता, खुशी, अभिषेक, अखिल, अमित, अर्जुन, दक्ष, दृशान्त, प्रणव, रेहान, स्याम, शुभकरण, विशाल, रिशव, अमरजीत, अनीशा, उज्ज्वल, मृदुल, निखिल, सार्थक, चेतन्य, परीक्षित, बेमेल, मृदुल, कशिश, शिवम, अंश, कार्तिक, दिव्यम, अपूर्व, संचित, विभा, हर्षित, प्रांशुल, प्रदुमन, कृषिव, अभिजीत, दिव्यम, गौरी, गरिमा, सुजल, श्रयसी, सुहानी, आराध्य, हर्षिता, सोहम, श्रीतिज़ा, भावना, अनिरुद्ध, नव्या, मंदिशा, हनीश, सुमेध, अरात्रिका ठाकुर को सम्मानित किया गया।