भाजपा की आक्रोश रैली में गूंजे नारे,"कुछ ता बोलो सुक्खू भाई, दस गांरटियां किथे पाई '...
घुमारवीं
कांग्रेस सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर सोमवार को बिलासपुर भाजपा ने घुमारवीं में आक्रोश रैली निकालते हुए प्रदर्शन किया। जिला भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र सांख्यान की अगुवाई में घुमारवीं के दकड़ी चौक से एसडीएम आफिस तक निकाली गई रैली के दौरान ‘कुछ ता बोलो सुक्खू भाई, दस गारंटियां किथे पाई’ जैसे नारे जोरशोर से गूंजे। एसडीएम आफिस के बाहर धरने के दौरान भाजपा नेताओं ने प्रदेश में एक साल में लिए गए जनविरोधी फैसलों के साथ ही 10 गारंटियों को लेकर कांग्रेस सरकार पर तीखे हमले किए।।
मुख्यवक्ता के तौर पर आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए नयनादेवी के विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि इस सरकार ने कोई नया काम शुरू करना तो दूर, भाजपा सरकार के समय जनहित में खोले गए 1050 संस्थान बंद कर दिए। चुनाव के समय दी गई गारंटियां पूरी होने को लेकर लोगों का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। हालत यह है कि एक साल से कांग्रेस के कई विधायक भी इंतजार कर रहे हैं कि मंत्री पद कब मिलेगा, लेकिन उनका नंबर भी नहीं आ रहा है। वे सोशल मीडिया पर शेरो-शायरी के माध्यम से अपनी पीड़ा बता रहे हैं।
रणधीर शर्मा ने कहा कि शांता कुमार को पानी, प्रेम कुमार धूमल को सड़क तथा जयराम ठाकुर को गरीबों के मसीहा मुख्यमंत्री के रूप में पहचाना जाता है, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू ‘रोंदू’ सीएम के रूप में जाने जाएंगे। वे हर बात पर खजाना खाली होने का रोना रोते रहते हैं। यदि खजाना खाली है तो 6 सीपीएस क्यों बना दिए, जिनके लिए गाड़ी-बंगलों पर लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं। आपदा प्रभावितों को न तो मकान बनाने के लिए पैसा मिला और न ही 2-3 बिस्वा जमीन। केंद्र से मिले 850 करोड़ तथा जनता से एकत्रित किए गए करोड़ों रुपये इस सरकार ने चहेतों को बांट दिए।
झंडूता के विधायक जीतराम कटवाल ने कहा कि झूठ बोलने में कांग्रेस का कोई मुकाबला नहीं है। राजस्थान चुनाव के दौरान कांग्रेस ने पोस्टर लगा रखे थे कि हिमाचल में उनकी सरकार ने 10 गारंटियां पूरी कर दी हैं। सच्चाई सामने आने पर राजस्थान की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया। एक साल में सुक्खू सरकार ने एक के बाद एक जनविरोधी फैसले लिए। बल्हसीणा व स्वारघाट में खोले गए काॅलेजों समेत बड़ी संख्या मंे अन्य संस्थान बंद कर दिए गए। 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने के बजाए औद्योगिक इकाइयों के लिए इसके रेट बढ़ा दिए गए। इससे उद्योगों को पलायन करना पड़ रहा है। डीजल महंगा होने से हर चीज महंगी हो गई। ऐसे में सवाल यह है कि कांग्रेस किस बात का जश्न मना रही है।
सदर के विधायक त्रिलोक जमवाल ने कहा कि कांग्रेस ने तो मातृ शक्ति को धोखा देने से भी गुरेज नहीं किया। प्रतिमाह 1500 रुपये मिलने की आस में महिलाओं ने नए पर्स खरीदे थे। एक साल में पर्स पुराने हो गए, लेकिन एक पैसा भी नहीं आया। किसानों ने गोबर के ढेर लगा रखे थे, लेकिन वह भी सूख गया। एक साल पूरा होने का जश्न मनाकर कांग्रेस सरकार खुद को झूठी तसल्ली देने का काम कर रही है। धर्मशाला में जश्न के लिए प्रदेश भर से एचआरटीसी की 1000 बसें लगाई गई। उनमें से कई बसों में 5-7 लोग ही नजर आए। धर्मशाला में कई कुर्सियां भी खाली ही रह गई। इससे कांग्रेस की हताशा-निराशा और अधिक बढ़ेगी।
पूर्व मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने तो मंदिरों में दर्शन करने पर भी टैक्स लगा दिया। अब यह सरकार मंदिरों का सोना-चांदी बेचने की तैयारी में है। बंद किए गए संस्थानों को लेकर सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि भराड़ी में तहसील खोलने से 45-50 हजार लोग लाभांवित हो रहे थे, लेकिन इसे बंद कर देने से उन्होंने घुमारवीं की दौड़ लगानी पड़ रही है। तहसील बहाल करने के लिए स्थानीय विधायक ने एक बार भी मुख्यमंत्री से बात नहीं की। वह केवल मंत्री पद के लिए लाॅबिंग में जुटे रहे। भाजपा की आक्रोश रैली तो एक ट्रेलर है। यदि बंद किए गए संस्थान नहीं खोले गए तो जनता सड़कों पर उतरेगी।