ये हैं हिमाचल की 5 महिला ड्राइवर, कोई बस चलाती है तो कोई ट्रक, एक तो दुनिया के सबसे खतरनाक हाईवे पर दौड़ाती है गाड़ी
शिमला. हिमाचल प्रदेश में महिलाएं भी पुरुषों से कम नहीं है. प्रदेश में महिलांओं की आधी आबादी है. ऐसे में महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. आज हम आपकों हिमाचल प्रदेश की ऐसी पांच महिला ट्रक, बस और टैक्सी चालकों से रूबरू करवाने जा रहे हैं, जिन्होंने खासी सुर्खियां बटोरी हैं
इस लिस्ट में पहला नाम किन्नौर जिले की पूनम नेगी का है. पूनम बीते कई साल से ट्रक ड्राइविंग कर रही हैं. वह किन्नौर के रिकॉन्गपिओ की रहने वाली हैं और किन्नौर की खतरनाक सड़कों पर सरपट ट्रक दौड़ाती हैं. पूनम ने मास मीडिया कम्युनिकेशन की पढ़ाई की है.
हिमाचल प्रदेश के शिमला की सीमा ठाकुर राज्य परिवहन निगम में इकलौती महिला चालक हैं. पहले वह एचआरटीसी की टैक्सी चलाती थी. लेकिन उसके बाद अब वह वोल्वो बस चलाती हैं. सीमा हिमाचल की पहली महिला चालक हैं, जो प्रदेश से बाहर बस लेकर गई हैं. सीमा के पिता बलिराम ठाकुर भी एचआरटीसी में चालक थे. सीमा दिल्ली से रोहड़ू बस रूट पर एचआरटीसी की वोल्वो बस चलाती हैं. उन्होंने शिमला के कोटशेरा कॉलेज से पढ़ाई की है.
इसी तरह शिमला की मीनाक्षी नेगी पहली महिला टैक्सी चालक हैं. कोरोना काल में आर्थिक संकट आ गया तो बेटियों की पढ़ाई अच्छे स्कूल में जारी रखने की चुनौती पेश आई. इसलिए मीनाक्षी ने टैक्सी चलाना शुरू की. अब मीनाक्षी गर्व के साथ शिमला में टैक्सी चला रही हैं. वह मूल रूप से किन्नौर से हैं और पंथाघाटी में रहती हैं.
सोलन के पिपलुघाट की रहने वाली 39 वर्षीय नीलकमल भी ट्रक चालक हैं. नीलकमल के पति की करीब 15 साल पहले मौत हो गई थी. इसके बाद उन्हें बेटे को पालने के लिए संघर्ष करना पड़ा. उन्होंने ट्रक चलाना सीखा और फिर पेशेवर ट्रक चालक बन गई. वह करीब दस साल से ट्रक चला रही हैं.
मंडी जिले के सरकाघाट की नेहा ठाकुर भी बखूबी ट्रक चला लेती हैं. वह अपने पिता के साथ कारोबार भी संभाल रही है. नेहा ने एयरहोस्टेस की पढ़ाई की है. साथ ही वह अपनी ड्राइविंग के वीडियो यूट्यूब पर डालती रहती हैं. दो लाख से अधिक उनके सबस्क्राइबर हैं. कोरोना काल में चंडीगढ़ में नौकरी छोड़कर नेहा को भी घर लौटना पड़ा था.