जनविरोधी फैसले ले रही सुक्खू सरकार:राजेंद्र गर्ग बोले- संस्कृत महाविद्यालय डंगार को डिनोटिफाई करना दुर्भाग्यपूर्ण
घुमारवीं चुनाव क्षेत्र के डंगार में संस्कृत महाविद्यालय के अधिग्रहण की अधिसूचना को डिनोटिफाई करने संबंधी सुखविंदर सिंह के नेतृत्व वाली प्रदेश कांग्रेस सरकार के निर्णय को पूर्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने राजनीति से प्रेरित करार देते हुए कड़े शब्दों में भर्त्सना की है। रविवार को अपने निवास स्थान पर पत्रकारों से रूबरू होते हुए राजेंद्र गर्ग ने कहा कि 21 जून 2021 को पूर्व प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा उनके लगातार प्रयासों से डंगार में स्थित संस्कृत महाविद्यालय को अधिकृत करने का निर्णय लिया था। परंतु 2 वर्ष के बाद वर्तमान कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने इस महाविद्यालय के अधिग्रहण की अधिसूचना को रद्द कर क्षेत्र की जनता के साथ घिनौना व गैर जिम्मेदाराना कार्य किया है।
गर्ग ने कहा कि इस महाविद्यालय से निकले विद्यार्थी देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में सेवाएं देकर संस्थान तथा क्षेत्र को गौरवान्वित कर रहे हैं। अधिग्रहण से पूर्व इस संस्थान में लगभग 50 के करीब विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते थे पूर्व जयराम सरकार द्वारा इस महाविद्यालय के अधिग्रहण के उपरांत यह संख्या और 200 के करीब पहुंच गई थी तथा इसके लिए 17 पद भी स्वीकृत किये थे। इसके बावजूद वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा इस महाविद्यालय की अधिग्रहण की अधिसूचना को रद्द करके ना केवल जन विरोधी कार्य किया बल्कि इस निर्णय से संस्कृत को बढ़ावा देने संबंधी पूर्व सरकार के कार्य पर कुठाराघात किया है ।दो वर्ष बाद इसकी अधिसूचना प्रमाणित करता है कि प्रदेश सरकार का यह निर्णय केवल राजनीतिक बदले की भावना से लिया गया है।
उन्होंने कहा कि सुबाथू में स्थित संस्कृत महाविद्यालय को भी डिनोटिफाई करने की अधिसूचना जारी की गई है जिससे राजनीतिक बदले की भावना स्पष्ट दिखती है। गर्ग ने प्रश्न किया कि यह कौन सा व्यवस्था परिवर्तन है यह निर्णय अव्यवस्था फैलाने का निर्णय है। उन्होंने कहा कि मिनी सचिवालय, भगेड़ में लोक निर्माण विभाग तथा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय , कपाहड़ा में लोक निर्माण विभाग का मंडल कार्यालय, बुराड़ी में तहसील कार्यालय घण्ड़ालवीं में महाविद्यालय समेत चुनाव क्षेत्र में पूर्व जयराम सरकार के कार्यकाल में खोले गए 10 संस्थानों को डिनोटिफाई किया गया तथा अब 11 वे संस्थान के रूप में संस्कृत महाविद्यालय को डिनोटिफाई करने का जनविरोधी निर्णय लिया गया।
उन्होंने स्थानीय विधायक राजेश धर्माणी से भी अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है वि वो इन निर्णयों के विरोध में खड़े हैं या समर्थन में। गर्ग ने चेताया कि यदि वर्तमान प्रदेश कांग्रेस सरकार द्वारा महाविद्यालय के अधिग्रहण को रद्द करने संबंधी अधिसूचना को तत्काल वापस नहीं लिया जाता तो क्षेत्र की जनता को साथ लेकर आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस अवसर पर मंडल भाजपा अध्यक्ष सुरेश ठाकुर तथा मीडिया प्रभारी महेंद्र पाल रतवान आदि उपस्थित थे।