बिलासपुर- बेटी ने पाया मुकाम,हर कोई दे रहा बधाई, परिवार व रिश्तेदारी में बनी, पहली HAS अधिकारी--राजकुमारी
बिलासपुर जिले की ग्राम पंचायत बैहना जटटा के लदेड़ गांव के एक साधारण परिवार में जन्मी एवं अग्नि शमन विभाग बददी में कार्यरत चालक कम आपरेटर कुलदीप चंदेल की बेटी अंशु चंदेल ने हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षा को उर्तीण कर राज्य भर में दूसरा स्थान प्राप्त कर पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
वहीं , इस कामयाबी के बाद अंशु चंदेल के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। अंशु चंदेल की मां राजकुमारी एक सफल गृहिणी हैं। अंशु चंदेल की प्रारंभिक शिक्षा आठवीं कक्षा आदर्श पब्लिक स्कूल बैहनाजट्टां से हासिल की है । इसके बाद 10वीं तक की शिक्षा सरस्वती विद्या मंदिर औहर प्राप्त की है। जबकि दस जमा दो की शिक्षा मिर्नवा पब्लिक स्कूल घुमारवीं से प्राप्त की है। इसके बाद आगामी पढ़ाई के लिए यह होनहार आरकेएमवी शिमला के लिए गई। वहीं बीएससी ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की। अंशु चंदेल ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से बीएड और एमएससी रसायन विज्ञान में उच्च शिक्षा हासिल की। इस सफलता पर अंशु चंदेल का कहना है कि मन में अगर कुछ करने का जज्बा हो , तो कभी समय का इंतजार मत करो और अपनी मंजिल की ओर ध्यान देना शुरूु कर दो।
-अंशु चंदेल ने कहा कि कोविड काल के समय वह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से बीएड की पढाई कर रही थी। उसी समय में मन में हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा में जाने का विचार मन में आया और बिना किसी कोचिंग के तैयारी शुरू कर दी। हालांकि उन्होंने सीडीएस परीक्षा के अंतिम दौर में पहुंच गई थी। वहीं एसएससी की परीक्षा में पास कर ली थी । परंतु उन्होंने अपनी कोशिश जारी रखी।
उन्होंने इससे पहले दो बार हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा का प्रारंभिक परीक्षा पास कर ली थी। उन्होंने मुख्य परीक्षा में विज्ञान की अपेक्षा समाज शास्त्र विषय को चुना। और तीसरी बार इस परीक्षा को उर्ताण करने में सफल रही। जब उनसे यह प्रश्न किया गया कि उन्होंने विज्ञान विषय की अपेक्षा समाज शास्त्र को क्यों चुना । तो अंशु चंदेल ने कहा कि नए विषय रूचिकर होता है ।इसलिए उसके परिणाम भी बेहतर होते है। उन्होने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता व परिवार को दिया है।
न्होंने कहा कि इस मुकाम तक अपने पिता कुलदीप चंदेल ,माता राजकुमारी (रानो) भाई विशाल चंदेल ,दोस्त प्रिया, मोनिका सहित अन्य के सहयोग से पहुंची हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को अपना लक्ष्य निर्धारित कर चलना चाहिए। वहीं लक्ष्य पूरा करने को लेकर कड़ी मेहनत करनी चाहिए। इस क्षेत्र में जाने के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान किसी न किसी तरीके से देती रहूंगी। उनका मुख्य लक्ष्य शिक्षा क्षेत्र में काम करने का है।
अंशु चंदेल ने एचपीएसए की परीक्षा उतीर्ण करने को लेकर अपने टाईम टेबल के मुताबिक हर रोज करीब आठ घंटे तक पढ़ाई की। जिसके चलते इस होनहार को यह सफलता मिल पाई है तथा इसने सीडीएस की परीक्षा भी पास की है ।