नहीं रही 'बसा च आइयो तेरी याद, फोटो रहेया तेरे कमरे' को आवाज देने वाली हिमाचल की लोकगायिका शंकुतला देवी
हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध लोक गायिका शंकुतला देवी का आकस्मिक निधन हो गया है। उन्हें हिमाचल प्रदेश के लोक संगीत को नई उंचाई देने के लिए जाना जाता हैं। संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
लोकगायिका शंकुतला देवी का जन्म हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के दड़वा गाँव की रहने वाली है। हिमाचली संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने अभूतपूर्व योगदान दिया। वह दूरदर्शन और आकाशवाणी की वरिष्ठ कलाकार रही है। वह भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संगीत एवं नाटक प्रभाग शिमला केंद्र की कलाकार थी। यहां से सेवानिवृत होने के बाद अपने गांव दड़वा में रहने लगी और यहीं से संगीत की सेवा में जुड़ी रही।
लोकगायिका शंकुतला देवी की संगीत विधा पर कई छात्रों और शोधार्थियों ने शोध करके डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है।
हिमाचली गीतों के अलावा उन्होंने hindहिंदी भाषा में गीत, गज़ल और भजन भी गाए हैं। उनका गाया गाना ‘बसा च आइयो तेरी याद, फोटो रहेया तेरे कमरे’ हिमाचल की वादियों में आज भी गूंजता है। ‘तेरी जड़ा बिच नहरा बगियाँ ओ किन्करीए’ गीत एक नारी के संघर्ष की कहानी को बयां करता है जिसे हिमाचल के लोगों ने खूब पसंद किया।
शंकुतला देवी ने लोक संगीत की दुनिया में खास पहचान बनाई। उनके गीतों को आज भी लोग बड़े अदब से सुनते हैं। ‘पिया न जा न जा जम्मुए दे पहाड़’, ‘बंजारु आया ओ मैं पैनिया बंगा’ और ‘बेदर्दी बालमा’ जैसे गीत से उन्होंने हिमाचली संगीत को राष्ट्रीय पटल पर बड़ी पहचान दिलाई।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शाण्डिल, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, लोकनिर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, विधायक हरीश जनारथा सहित हिमाचल के लोक कलाकारों ने उनके आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त जताया।
हिमाचली संगीत जगत से जुड़े लोगों ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की है। लोक गायक शेर सिंह कौशल का कहना है शंकुतला देवी सुलझी हुई कलाकार थीं। उनके गायन में जादू था। उनकी खासियत ये भी थी कि वे जूनियर आर्टिस्ट को भी हमेशा प्रोत्साहित करती थीं। प्रतिष्ठा सम्मान भरपूर मिलने के बावजूद वह बेहद विनम्र थीं। भगवान दिवंगत आत्मा को शांति दें।
वरिष्ठ उद्घोषक घनश्याम शर्मा ने बताया कि आकाशवाणी में उनका कार्यकाल लंबे समय तक रहा। इनका जाना हिमाचल के लिए अपूर्णीय क्षति है। वह बच्चों को संगीत के प्रति हमेशा प्रोत्साहित करती थीं।
लोकगायक विक्की चौहान ने कहा कि हिमाचल ने संगीत की दुनिया में हिमाचली संस्कृति की लौ जगाने वाली गायिका को खोया है। उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी।