हिमाचल: विधायक राजेश धर्माणी ने गनमैन लेने से किया इनकार, अपनी सरकार के मंत्रियों-सीपीएस के लिए बने मिसाल
एक तरफ जहां प्रदेश सरकार के मंत्री और मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) सरकारी कोठियों और सुविधाओं का भरपूर फायदा उठा रहे हैं। वहीं, घुमारवीं से कांग्रेस विधायक राजेश धर्माणी ने विधायक बनने के बाद गनमैन तक लेने से इनकार कर दिया और कहा कि वह जनसेवा के लिए विधायक बने हैं। धर्माणी ने यह निर्णय लेकर अपनी ही सरकार के सीपीएस और मंत्रियों को आईना दिखाकर मिसाल की है। राजेश धर्माणी 2007 से 2017 तक भी घुमारवीं से विधायक रहे हैं। उन्होंने पूर्व की वीरभद्र सरकार में भी सीपीएस का पद मिलने के एक साल बाद ही इस्तीफा दे दिया था और सीपीएस को मिलने वाली सभी सुविधाएं छोड़ दी थीं।
बड़ी बात यह है कि दो बार विधायक रहने के बाद भी उनकी सभी तरह की चल-अचल संपत्तियां 98 लाख रुपये की ही हैं। वहीं, अब एक बार फिर से विधायक बनने के बाद धर्माणी ने बता दिया कि वह जनसेवक हैं। उन्हें सरकारी सुविधाओं से कोई सरोकार नहीं है। सुक्खू सरकार बनने के बाद धर्माणी कैबिनेट मंत्री पद की दौड़ में भी सबसे आगे थे, लेकिन बाद में एक ही रात में उनको दरकिनार कर दिया था। हालांकि सुक्खू सरकार की अहम बैठकों में धर्माणी मौजूद रहते हैं
मुझे गनमैन नहीं चाहिए। मैं लोगों की सेवा के लिए विधायक बना हूं। जिन लोगों ने उन पर भरोसा जताया है, उस पर खरा उतरेंगे और अपने लोगों के दुख-सुख में और उनके विकास के लिए तत्पर रहेंगे। - राजेश धर्माणी, विधायक, घुमारवीं