मिनर्वा स्कूल ने धूमधाम से मनाया 20वां वार्षिक समारोह ,एक से बढ़कर एक रंगारंग कार्यक्रम हुए प्रस्तुत
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मिनर्वा स्कूल ने धूमधाम से मनाया 20वां वार्षिक समारोह ,एक से बढ़कर एक रंगारंग कार्यक्रम हुए प्रस्तुत

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मिनर्वा स्कूल ने धूमधाम से मनाया 20वां वार्षिक समारोह ,एक से बढ़कर एक रंगारंग कार्यक्रम हुए प्रस्तुत

नन्हे मुन्ने बच्चों ने बेहतरीन प्रस्तुति देकर ,पडाल मे मौजूद लोगों को तालियां बजाने के लिए किया मजबूर  

घुमारवीं 

शिक्षा के क्षेत्र मे अग्रेणी मिनर्वा सीनियर सेकेंडरी स्कूल घुमारवीं में 20वां वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया। इस समारोह में बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। समारोह में नर्सरी से लेकर आठवीं तक के मेधावी बच्चों को सम्मानित किया गया।

समारोह में सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक शिक्षा विभाग सुशील पुंडीर बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल के प्रिंसिपल परवेश चंदेल ने की। मुख्यातिथि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। समारोह में विशेष रूप से अमृत महाजन, पट्टा पंचायत के उप प्रधान मनोज भंडारी उपस्थित रहे। वर्ष भर के मेधावी बच्चों को ईनाम देकर पुरस्कृत किया। विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत कर स्कूल की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गयी।

 मुख्यातिथि ने कहा कि मिनर्वा संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य कर रहा है। यहां से बच्चे शिक्षा प्राप्त कर देश व प्रदेश की उन्नति के लिए कार्य कर रहे हैं। संस्कार युक्त शिक्षा के साथ बच्चों का बेहतर भविष्य बनाने में मिनर्वा की अहम भूमिका है। बच्चों के अभिभावकों से आग्रह किया कि जिस क्षेत्र में बच्चा भविष्य बनाना चाहते हैं, उसे उसी क्षेत्र में जाने का अवसर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा और संस्कार एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। शिक्षा मनुष्य के जीवन का अनमोल उपहार है जो व्यक्ति के जीवन की दिशा और दशा दोनों बदल देती है और संस्कार जीवन का सार है जिसके माध्यम से मनुष्य के व्यक्तित्व का निर्माण और विकास होता है। 

बच्चों को तीन गुण आत्मसात करवाने की आवश्यकता है, ज्ञान, कर्म और श्रध्दा। इन्हीं तीन गुणों से उनके जीवन में बदलाव आएगा और वे परिवार, समाज, और देश सेवा में आगे बढ़ेगा। इसके साथ ही बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। 

सांस्कृतिक कार्यक्रम में सरस्वती वन्दना, चक्की पर धम्मा रखाईए जायओ, तेरी कमर पे मटका भारी फुट जावेगा, कुड़ी हलवे हलवे चल, शॉपिंग ते ले जा मेनू बड़ा दिल करदा, ले दे मेनू सोन्या सरारा, पंगड़ा पाउगा हेवी बेट बलिए हाथ मार के पटां ते सांग पर बच्चों ने डांस किया। इसके अलावा बच्चों ने देवा श्री गणेशा, बच्चे मन के सच्चे, सुनो बच्चो उठाओ बस्ता मलदे, तेरी उंगली पकड़ के चला, गाना (मोबाईल), भोली सूरत दिल के खोटे, बुद्ध सा मन मेरी ए दुनिया इचक, दाना-बिचक दाना, सूरज के मुंह पर मलाई, बुद्ध सा मन, बाकी सब फस्ट क्लास, कोठे ऊपर कोठरी, कवाली, आज है सण्डे, नाटक (सेव ट्री एक्ट) मेरे देश की धरती, पार्वती बोली शंकर से, नुक्कड़ नाटक, राजस्थानी फोक डांस, बुमरो युमरो, नृत्य, भारतीय संस्कृति, पंजाबी गिद्दा, साँवरिया पहाड़ी गिद्दा, जग घुमया, गुजराती गरबा, हरियाणवी नृत्य घुँघरो भुमरो, भाँगड़ा, पहाड़ी नाटी (मिंजर मेला) पंजाबी साँग, धोलीदा (मिक्स गुजराती) हिमाचली नाटी, बंग दा नाप (मिक्स पंजाबी), कोरियाग्राफी (झाँसी की रानी) आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। 

----समारोह में इन बच्चों को किया गया सम्मानित----

स्कूल में विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल रहने वाले छात्रों में आरात्रिका, अस्मिता, प्रांजल, बिजेश, विराज, अयांश, देवांशी, दिपीवी सिंह, नाम्या, प्रागुन, प्रांजली, आर्य, अवनी, अस्मिता, अनवी, चारवी, सानवी, समायरा, आयसु, आरूष, अयान ठाकुर, दीपांशु, असहान उप्पल, आरिन, उद्धव, विहान, अयांश, दिविज कौंडल, प्राजुल, प्रत्याक्ष, रेयांश, विवान्श, युग्म, नाचय, जीविका, निकिता, नक्श, विनायक, अमित, आराध्य, अनुष्का, अनवी, मानवी, वंदना, यशिका, अंकुश, प्रिविका, प्रियल, प्रियांशी, शौर्य पुंडीर, शिवम, गौरी, हर्षित, कैलाश, नैतिक, मोहित, विरोनिक, पूर्व, परमजीत, राधिका, एंजेल, अनिका, कशिश, अरीबा, शृष्टि, अजितेश, अर्णव, गर्विक, मनन, संजीव, दीक्षित, शास्वत, नायशा, भूमिका, तमन्ना, अक्षित, शिवांश, नीलेश, नव्या, ऊषर्वि, कृष, पुष्कल, हीरल, आदर्श, आयुष, कण्व, युक्रान्त, आर्यान्श, दीपांशु, करणवीर, रोहित, ममता, वामिका, पृथुल, पंकज, एलिशा, अंकुश, सारा आदि बच्चों को सम्मानित किया गया।
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