कांग्रेस पर कसा तंज ,जो मांग रहे हैं मौका ,उनका निजी स्वार्थ सर्वोपरि -- राजेन्द्र गर्ग
घुमारवीं
घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में इस बार विकास का मुद्दा हावी नजर आ रहा है। भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र गर्ग पिछले 5 वर्षों में पेयजल, बिजली, सड़क, शिक्षा व स्वास्थ्य समेत हर क्षेत्र में करवाए गए चहंुमुखी विकास के आंकड़ों के साथ जनता के बीच जा रहे हैं। उनका सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट यही है। दूसरी ओर, उनके प्रतिद्वंद्वियों के पास विकास के नाम पर गिनाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है।
वे केवल अपने लिए एक मौके की दुहाई के साथ लोगों के बीच जा रहे हैं और यही बात उनकी सबसे बड़ी कमजोरी साबित हो रही है।चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए गर्ग ने कहा कि घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र में पानी की समस्या लोगों के लिए हमेशा परेशानी का सबब रहती थी। इस समस्या के समाधान के लिए केंद्र व प्रदेश की डबल इंजन सरकार के आशीर्वाद से कारगर कदम उठाए गए हैं।
53 करोड़ रुपये की लागत की उठाऊ पेयजल योजना से जहां सतलुज नदी से पानी लिफ्ट किया गया, वहीं पलासला, पपलाह, कपाहड़ा, करलोटी, छत्त, संडयार व कोटलू-ब्राह्मणा पंचायतों के लिए 20 करोड़ तथा चोखणा धार के लिए 10 करोड़ रुपये की पेयजल योजना बनाई गई। पेयजल योजनाओं के साथ ही 110 हैंडपंप और बोरवेल भी स्थापित किए गए। इनमें से 37 का विद्युतीकरण किया गया। जल जीवन मिशन के तहत 5610 नए नल लगाकर घर-घर तक स्वच्छ व शुद्ध पानी पहंुचाया गया।
राजेंद्र गर्ग ने कहा कि पेयजल के साथ ही सड़क, बिजली, शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में भी अरबों रुपये खर्च करके लोगों को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। घुमारवीं में मिनी सचिवालय बनाया गया, ताकि लोगों के कई विभागों से संबंधित कार्य एक ही स्थान पर हो सकें।
घुमारवीं में पार्किंग के साथ ही बाईपास सड़क भी बनवाई गई, ताकि शहर में यातायात का दबाव घट सके। घुमारवीं में मुख्यमंत्री लोक भवन भी बनाया गया। इससे विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के लिए एक बेहतर ठिकाना उपलब्ध हुआ है। सोमवार को राजेंद्र गर्ग का जनसंपर्क अभियान सुबह 7.30 बजे से ही शुरू हो गया। उनकी पहली चुनावी सभा दकड़ी बजोहा में हुई। उसके बाद कोटलू बिंदड़या, डून, बरोट, बाड़ी, थलोटू व करंगोड़ा होते हुए दिन का अंतिम चुनावी कार्यक्रम बड्डू में संपन्न हुआ।
विरोधियों पर तंज कसते हुए गर्ग ने कहा कि जो लोग जनता के सामने गिड़गिड़ाते हुए अपने लिए केवल एक मौका मांग रहे हैं, उनकी मंशा को आसानी से समझा जा सकता है। ऐसे लोगों के लिए निजी स्वार्थ सर्वोपरि हैं, जबकि भाजपा ‘सबके साथ-सबके विकास’ में विश्वास रखती है। घुमारवीं की प्रबुद्ध जनता स्वार्थी नेताओं के बहकावे में नहीं आएगी।