घुमारवीं में हर्षोल्लास से मनाया प्रदेशस्तरीय सविधान दिवस
Type Here to Get Search Results !

घुमारवीं में हर्षोल्लास से मनाया प्रदेशस्तरीय सविधान दिवस

Views

घुमारवीं में हर्षोल्लास से मनाया प्रदेशस्तरीय सविधान दिवस 

रणजीत वर्धन, भगेड़ 26 नवंबर। 

घुमारवीं के अंबेडकर भवन में शनिवार को अनुसूचित जाति, जनजाति अन्य पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक संघर्ष मोर्चा का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेशाध्यक्ष हीरामणी भारद्वाज ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। अपने संबोधन में प्रदेशाध्यक्ष हीरामणी भारद्वाज ने कहा कि मोर्चा का मुख्य उदेश्य देश की एकता, अखंडता और भाईचारे को बनाए रखना है। देश की सुरक्षा सर्वोपरि है किंतु समाज के भीतर कई ऐसी ताकतें हैं जो अपने ही हिंदु समाज को खोखला करने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ग मनुवादी सोच को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। जो आपस में जातिवादी की खाई को और बढ़ा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस और भाजपा के मनुवादी नेटवर्क देश में अराजकता का माहौल पैदा कर रहा है। जिसका मोर्चा हर मंच पर इसका पुरजोर विरोध किया जा रहा है।


 बाबा साहेब डा. बीआर अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान की रक्षा के लिए हर स्तर पर आगे आएंगे। इसके लिए पूरा समाज एकजुट है। उन्होंने कहा कि देश के 85 प्रतिशत मूलनिवासी देश की अंखडता के लिए एकजुट हैं। भारत की मूल भावना यानि संविधान से छेड़छा़ड़ कतई बर्दाश्त नहंी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। किंतु आजादी के 75 साल पूरे होने के बावजूद देश से छुआछूत, जातिगत भेदभाव और उंच नीच के खाई मिटने की अपेक्षा और गहरी होती जा रही है जो कि आने वाले समय में देश के लिए और मोर्चा के लिए कोई अच्छे संकेत नहीं है। भारद्वाज ने कहा कि समाज को शिक्षित करना मुख्य उदेश्य हैं ताकि देश एकजुट हो सके। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। सभी कहते हैं कि हम हिंदु हैंे लेकिन हम कौन से प्रकार के हिंदु है, यह आज दिन तक साफ नहीं हो पाया है। दलितों, पिछड़ों को मंदिरों में जाने से रोका जाता है, सार्वजनिक स्थलों पर पानी तक भरने नहीं दिया जाता है। विवाह, मांगलिक या अन्य कार्यक्रमों में एक पंक्ति में यदि दलित या पिछड़े लोग बैठ जाएं तो गुनाह हो जाता है,


 यहां तक की मरने के बाद भी चिताएं अलग जलाई जाती हैं। सरकार के पैसे से बने श्मशानघाट मरने के बाद भी अछूत हो जाते हैं। इस विडंबना और अवधारणा की पशोपेश में जी रहा यह समाज आखिर किस हैसियत से स्वयं को ंिहंदु मानें। यह बड़ा प्रश्न है। उन्होंने कहा कि संविधान में निहित सभी प्रावधानों का सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। शिक्षा, संपति, बैकलाॅग, छुआछूत आदि अधिनियमों का अक्षरस पालन होना चाहिए। वहीं प्रदेश महासचिव तारा चंद रनौट ने कहा कि संविधान में दलितों को मिलें अधिकारों के तहत सुरक्षा मिलनी चाहिए। पूरे प्रदेश में मोर्चा अग्रणी रूप से दबे कुचले लोगों की आवाज को बुलंद करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान के साथ छेड़छाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहंी होगी। उन्होंने प्रदेश के सभी एससी एसटी, ओबीसी, मायनाॅरिटी के लोगांे से आग्रह किया है 


कि वे आगे आएं और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं। कार्यक्रम के अंत में संविधान की शपथ भी दिलाई गई। इस कार्यक्रम में जिला महांमंत्री नंद लाल आचार्य ने कुशल मंच संचालन किया। जबकि सभा को नगर परिषद अध्यक्षा रीता सहगल, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी डीआर भाटिया, मनसा राम, सीता राम, बर्फी देवी, कर्म सिंह आदि ने भी संबोधित किया। इस कार्यक्रम में सरदार रच्छपाल सिंह, कर्म सिंह, भगत सिंह, पूर्ण चंद, विपिन कुमार, रमेश कुमार, दलीप झूरिया, बलदेव सिंह,,जगदीश, अमर नाथ मोहिला, देशराज व दिनेश परवाना भी मौजूद रहे। 

".

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad