झूठे वायदे व लोगों को गुमराह करना कांग्रेस की पुरानी आदत - त्रिलोक जम्वाल
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झूठे वायदे व लोगों को गुमराह करना कांग्रेस की पुरानी आदत - त्रिलोक जम्वाल

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झूठे वायदे व लोगों को गुमराह करना कांग्रेस की पुरानी आदत  - त्रिलोक जम्वाल

बिलासपुर

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की कर्मभूमि बिलासपुर सदर में एक बार फिर से भगवा परचम लहराने के लिए मैदान में उतरे त्रिलोक जमवाल ने भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। सदर से कांग्रेस ने जिसे अपना प्रत्याशी बनाया है, उन पर उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक रामलाल ठाकुर समेत अन्य नेताओं ने फोरलेन में 200 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। हैरानी यह है कि कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे नेता को ही फिर से प्रत्याशी बनाया है। चुनावी बेला में भाजपा पर भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाने से पहले कांग्रेस को अपने प्रत्याशी के बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

रविवार को चुनाव प्रचार अभियान के तहत त्रिलोक जमवाल ने हरनोड़ा, जमथल और बरमाणा पंचायतों के विभिन्न गांवों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए राजनीति हमेशा जनसेवा और विकास का माध्यम रही है। चाहे बरमाणा में एसीसी सीमेंट फैक्टरी की स्थापना हो अथवा हरनोड़ा क्षेत्र में सतलुज पर निर्मित 800 मेगावाट क्षमता की कोलडैम जलविद्युत परियोजना, ये प्रोजेक्ट पहले जनता पार्टी और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में ही सिरे चढ़े थे। 

भाजपा ने हर बार सत्ता में आने पर विकास के इस सिलसिले को बरकरार रखा है। एम्स, हाइड्रो इंजीनियरिंग काॅलेज और 65 करोड़ लागत की कोलडैम उठाऊ पेयजल योजना पिछले 5 वर्षों में बनकर तैयार हुए। फोरलेन दिसंबर तक तैयार हो जाएगा। रेलवे प्रोजेक्ट का काम भी जोरशोर से चल रहा है। इसके विपरीत कांग्रेस ने हमेशा विकास कार्यों में अड़ंगे अटकाने का ही काम किया।

त्रिलोक जमवाल ने कहा कि सत्ता में रहते हुए मनमानी और लोगों पर अत्याचार करना तथा चुनावी बेला में लोगों को गुमराह करने के लिए झूठे वादे व घोषणाएं करना कांग्रेस की पुरानी आदत है। कांग्रेस नेता चुनाव में एक बार फिर से बैरीदड़ोलां पुल का राग अलापने लगे हैं। इस पुल की नींव 2007 में चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह ने बगैर बजट का प्रावधान किए रखी थी।

 कांग्रेसी कह रहे हैं कि 2007 में सत्ता में आई भाजपा ने यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में डाल दिया। वे बताएं कि 2012 से 2017 तक प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार रही। उस समय उनकी सरकार ने यह पुल क्यों नहीं बनाया। इस बार भी वे बैरीदड़ोलां पुल का नाम केवल चुनाव तक ही जपेंगे, लेकिन इससे उन्हें कोई फायदा नहीं होगा। बिलासपुर समेत पूरे हिमाचल की जनता इस बार रिवाज बदलने की ठान चुकी है। प्रदेश में एक बार फिर से भाजपा की सरकार बनेगी और विकास कार्यों का सिलसिला इसी तरह आगे बढ़ता रहेगा। जनसंपर्क अभिया के दौरान कई लोग कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल भी हुए।
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