लंपी संक्रमण से लड़ाई में होम्योपैथी बन सकती है बड़ा हथियार, आए सकारात्मक नतीजे - डॉ श्वेता गोयल
कोरोना में भी टीम होमयोमाइंडस ने वितरित की थी कोरोना से बचाव की दवाइयाँ ।
प्रशासन द्वारा मिला था प्रशस्ति पत्र ।
कोरोना, ब्लैक फंगस के बाद अब लम्पी स्किन डिजीज का भी होम्योपैथी दवाइयों से इलाज हो सकेगा। होम्योपैथी डॉक्टरों द्वारा लम्पी बीमारी पर होम्योपैथी दवाइयों का ट्रायल किया गया, जिसमें अच्छा परिणाम देखने को मिला।
होमयोमाइंडस की वरिष्ठ डाक्टर श्वेता गोयल ने बताया की लम्पी बीमारी जो इस समय पर भयानक रूप धारण कर चुकी है , का इलाज होमयोपेथी द्वारा सम्भव है । इस पर होमयोमाइंडस की टीम ने ट्रायल लम्पी के केस जब शुरुआत में आए थे तब से शुरू कर दिया था जिसके परिणाम बहुत अच्छे से आए है । डॉ श्वेता ने बताया कि होमयोपेथी बीमारी ठीक करने के साथ साथ स्वस्थ पशुओं को इस बीमारी के बचाव के रूप में भी काम कर रही है । डॉ श्वेता ने बताया की अभी तक विभिन्न गौशालाओं को टीम होमयोमाइंडस ये दवाइयाँ मुफ़्त में वितरित कर चुकी है । इसके साथ ही इन्होंने बताया कि जल्द ही इसके रिसर्च पेपर भी सबके सामने होंगे ।
राजस्थान सरकार द्वारा इस बीमारी के बचाव के लिए होमयोपेथी दवाओं का वितरण भी किया जा रहा है जिसके परिणाम भी सबके सामने है ।
शुरुआती लक्षण देखने के बाद दवा देनी चाहिए
डॉ. श्वेता गोयल ने बताया कि सरकार ने इसके लिए अलग-अलग मिश्रण और फार्मूले भी निर्देशित किए हैं, जिससे पशुपालकों को राहत मिले और देश के पशुधन को बचाया जा सके । डॉक्टर गोयल का कहना है कि किसी भी पशु में बीमारी के शुरुआती लक्षण देखने के बाद दवा देनी चाहिए. लक्षणों के आधार पर जो दवाइयाँ दी जा सकती है वो हैं - काली आयोड 30, यूरेनियम नाइट्रिकम 30, एसिड नाइट्रिक 30, अमोनियम नाइट्रिकम 30, नाइट्रोजन ऑक्सीजिनेटम 30, अमाइल नाइट्रोसम 30, मरकरी ग्रुप, थूजा 30 और वेरियोलिनम 200 शामिल हैं ।
पशु को दवा केवल एक बार ही देनी चाहिए
डॉ श्वेता गोयल का कहना है कि पशु को दवा केवल एक बार ही देनी चाहिए और जो भी दवा पहले शुरू कर दी जाए, सिर्फ उसी दवा को जारी रखा जाना चाहिए. इसमें मवेशी के लिए दवा की 5 से 10 बूंदे पर्याप्त बताई गई हैं. इसके साथ ही डाक्टर का यह भी कहना है कि यदि लक्षण के आधार पर दवाई किसी पशुपालक को समझ में ना आए तो नजदीकी तैनात होम्योपैथिक चिकित्सक से सलाह लेकर दवाई दी जानी चाहिए ।
पशु पालकों को जल्द राहत मिलने की आस बंधी
डॉ गोयल का कहना है कि वैक्सीन तो बीमारी से पहले बचाव के लिए है जबकि होम्योपैथी दवाएं बीमार पशु को भी दी जा सकती हैं और इससे पशुओं में फायदा देखा गया है. अब होम्योपैथी दवाओं से इलाज की सुविधा मिलने पर पशु पालकों को जल्द राहत मिलने की आस बंधी है ।