भराड़ी - दिव्यांग राजू की बांसुरी वादन कर दे मंत्रमुग्ध
भराड़ी - रजनीश धीमान
उपतहसील भराड़ी के तहत आने वाले गावँ लेठवीं से सबंध रखने वाले राजकुमार जो बचपन से ही दोनों आंखों से अंधे है ,व अपनी बांसुरी वादन की अनोखी कला के माहिर है व एक अदृश्य शक्ति के चलते पैदल ही कभी एक गावँ से दूसरे गावँ चले रहते है व बांसुरी की मधुर ध्वनि से लोगों का मनोरंजन करते है उन्होंने कहा कि परिवार में हम दो भाई है व मैं बचपन से ही दृष्टिबाधित हूँ व दूसरा भाई भी कृषि व मजदूरी से परिवार का पोषण करता है ।राजकुमार ने बताया कि कई मेलों व आकाशवाणी तक भी उन्होंने अपनी इस कला से मनोरंजन किया है पर फिर भी समाज में हमे एक अजीब से दृष्टिकोण से देखा जाता है व एक दया भाव से हमारी तुलना की जाती है ,उन्होंने सरकार से मांग की है
कि हमें भी एक ऐसा मंच दिया जाए जिसके चलते हम भी समाज में अपनी कला व हुनर से जाने जाए किसी की दया के पात्र न बने। उन्होंने बताया कि हमारे दिव्यांग वर्ग में बहुत से हुनर वाले व्यक्ति भी है यदि सरकार उनकी सही तरीके से परख करे व इनके हुनर के मुताबिक इनको कार्य दिया जाए तो समाज में हम लोग भी अपनी महत्वपूर्ण छाप छोड़ सकते है।उन्होंने प्रदेश व देश की केंद्र सरकार से इस विषय पर संज्ञान लेने की बात कही है।