चैहड़ दंगल को बेबजह बदनाम करने के लिए लगाए जरे झूठे आरोप : जोगिंद्र
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चैहड़ दंगल को बेबजह बदनाम करने के लिए लगाए जरे झूठे आरोप : जोगिंद्र

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चैहड़ दंगल को बेबजह बदनाम करने के लिए लगाए जरे झूठे आरोप : जोगिंद्र 

घुमारवीं -क़हलूर न्यूज़

उतर भारत में बड़े स्तर पर होने वाले घुमारवीं के चैहड़ दंगल को बेबजह बदनाम करने के लिए कुछ लोग अनाप शनाप व्यानबाजी कर रहे हैं। चैहड़ दंगल कमेटी के प्रधान जोगिंद्र जोगी व सचिव कमल ठाकुर ने कहा कि चैहड़ में हर वर्ष करवाये जाने वाले दंगल में पहलवानों को कुश्ती के मुताबिक उचित पैसे दिए जाते हैं। अगर कोई पहलवान एक हजार रुपये की कुश्ती करता हो तो उस पहलवान को दस हजार रुपये नही दिए जा सकते हैं। कमेटी के पास लोगों का पैसा आता है और उस पैसे को सही तरह से खर्च किया जाए इसकी जिमेवारी कमेटी की होती है। 

कमेटी के सदस्यों ने कहा कि दंगल के दौरान कुछ पहलवान पैसे न मिलने की बात कहते नजर आए । जब उन पहलवानों से पूछा गया तो उन पहलवानों ने कहा कि हम दस हजार रुपये लेंगे । ऐसे में कमेटी सदस्यों ने उन पहलवानों से कहा कि पैसे कुश्ती के अनुशार मिलते हैं। आपकी कुश्ती जिस तरह से हुई उसके हिसाब से पैसे दिए गए हैं। लेकिन वह पहलवान ज्यादा पैसे लेने पर अड़े रहे। कमेटी प्रधान ने बताया कि भारत केसरी को 70 हजार, जस्सा पट्टी पहलवान को 75हजार, की राशि दी गई है। इसके अलावा उमेश मथुरा को 60 हजार, विशाल पहलवान को 40 हजार, रोहित दिल्ली को 40 हजार रुपये के साथ 10 लाख रुपये से ज्यादा पहलवानों को बांटा गया है। अगर कमेटी ने पैसे न देने होते तो और बड़े पहलवान जो अखाड़े में आये थे वह भी इस बात को कह सकते थे।


प्रधान ने कहा कि चैहड़ दंगल कमेटी के साथ बड़े बड़े व्यापारी जुड़े हैं, कमेटी की पारदर्शिता व सही कुश्तियां करवाने के लिए कुछ एनआरआई भी दंगल के लिए पैसा देते हैं। और उस पैसे का सही उपयोग हो कमेटी इस बात का ख्याल रखती है। कुश्तियों की हार जीत सही तरह से हो इसके लिए गोल्ड मैडल हासिल किए हुए लोग निर्णय कमेटी में रखे होते हैं।

प्रधान ने कहा कि यहां पर पहलवान मिलकर कुश्ती न लड़ें इस बात का ख्याल रखा जाता है। और यही वजह है कि इस दंगल को वह कुछ पहलवान बदनाम कर रहे हैं जो मिलकर कुश्तियां लड़ते हैं और आपस में ही पैसा बांटते हैं। प्रधान ने कहा कि इस दंगल में कमेटी मिलकर कुश्तियां लड़ने वालों को जगह नही देती है । लेकिन फिर भी पहलवान जो आये थे उनकी कुश्तियां अपने स्तर पर दूसरे पहलवानों से करवाई गई व जोर आजमाइश के हिसाब से पैसा दिया गया है। जो पहलवान एक हजार रुपये तक इनाम का हकदार था उसे कमेटी दस हजार नही दे सकती थी। और ऐसे में उन पहलवानों ने कमेटी को बदनाम करने की बात की। 

प्रधान ने कहा कि दंगल के दौरान दर्शकों को पानी की बोतलें दी गई लेकिन कुछ पहलवानों ने जो मिलकर कुश्तियां लड़ते हैं जब उन पहलवानों को कमेटी ने दूसरे पहलवान से कुश्ती लड़ने के लिए कहा तो उन्होंने अखाड़े में बोतलें फेंक कर भद्दी हरकतें करना शुरू कर दिया। कमेटी के प्रधान ने कहा कि अगर उन पहलवानों में जोर है तो अगले वर्ष भारत केसरी के लिए लड़ें एक लाख रुपये कमेटी देगी लेकिन इस वार जिस तरह से उन्होंने कुश्ती लड़ी उसके हिसाब से ही पैसा दिया गया। फिर भी पैसे न मिलने की बात कहने वाले पहलवानों को रात को ही उनके द्वारा मांगे गए पैसे देकर भेजा गया था। कमेटी के पास पैसे की कमी नही है ओर न होगी।
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