घुमारवीं - मेहनत और लगन से अंजना ने हासिल की सफलता,अनेक बच्चों के लिए बनी प्रेरणा
कुन्दन रत्तन । घुमारवीं
अगर मन में विश्वास और लग्न हो तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। इसका उदाहरण पेश किया हैं अंजना ने। अंजना का संघर्ष आज अनेक बच्चों के लिए प्रेरणा बना है। अंजना जन्म से ही दृष्टिहीन हैं। निर्धनत और सर पर माता पिता का साया न होने पर भी अंजना ने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत कर सफलता हासिल की हैं।
अंजना ने आर्थिक तंगी को दूर से नहीं देखा बल्कि जिया हैं, लेकिन प्रतिभा, मेहनत, लगन और ईमानदारी जैसे गुण ईश्वर ने उसे उपहार में प्रदान किए हैं। मेहनत और लगन से अंजना का चयन राज्य सरकार के चुनाव विभाग में लिपिक के पद पर हो गया हैं। अंजना की ज्वाइनिंग इलेक्शन विभाग घुमारवीं में हुई है। अंजना बिलासपुर के झबोला की रहने वाली है।
सुंदरनगर स्थित राज्य सरकार द्वारा संचालित दृष्टिबाधित छात्राओं के विशेष विद्यालय में अंजना ने बचपन से लेकर दसवीं तक की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद उमंग फाउंडेशन द्वारा दसवीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने के बाद उसका दाखिला शिमला के प्रतिष्ठित पोर्टमोर स्कूल में करा दिया गया। जहां अंजना ने अन्य दृष्टिबाधित छात्राओं के साथ पढ़ाई की। हॉस्टल में रहकर अंजना ने 12वीं की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की। बिलासपुर जिले के घुमारवीं कॉलेज के हॉस्टल में रहकर उसने प्रथम श्रेणी में बीए किया। पिछले वर्ष हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एमए (इतिहास) में प्रवेश लिया। अंजना ने अपनी सफलता का श्रेय उमंग फाउंडेशन के संस्थपक अजय श्रीवास्तव को दिया है।
उमंग फाउंडेशन के संस्थपक अजय श्रीवास्तव का कहना है कि जब अंजना 9वीं कक्षा में थी तो उनसे उसकी मुलाकात हुई और तब से वह उनकी बेटी बन गई। बताया कि वर्ष 2016 में काफी प्रयास करके अंजना और पोर्टमोर स्कूल में उसके साथ पढ़ रही अन्य दृष्टिबाधित छात्राओं को आई.टी.आई में कंप्यूटर का कोर्स शुरू किया। अंजना अन्य छात्रा के साथ अपने बैच की टॉपर बनी।
अंजना को कंप्यूटर पर काम करता देखकर लोग हैरत में पड़ जाते हैं। वह फेसबुक, व्हाट्सएप, टेलीग्राम एवं ऐसे ही अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय है। उसके संघर्षों में अनेक लोगों ने अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंजना के संघर्षों में उमंग फाउंडेशन के महासचिव यशवंत राय, सहायक प्रोफेसर एवं हॉस्टल वार्डन डॉ. रीता दीवान, मनीष गर्ग सरिता चौहान सहित ज्योति गौतम, मोनिका राव, मीनू चंदेल, अमृता नेगी, सवीना जहां, यश ठाकुर, मुकेश कुमार, विशाल और बबिता देवी आदि ने समय-समय पर उसके साथ रहे।