महाविद्यालय में मिट्टी में दबाए पेड़ो की जांच करने से पीछे हटा वन विभाग
घुमारवीं -क़हलूर न्यूज़
राजकीय महाविद्यालय घुमारवीं में अवैध पेड़ कटान मामले को करीब एक महीना बीत चुका है लेकिन इस मामले में वन विभाग आज तक अपनी कार्यवाही पूरी नहीं कर पाया है । वन विभाग द्वारा महाविद्यालय प्रबंधन को खेल ग्राउंड से मिट्टी हटाकर इसमें दबाए गए पेड़ों को बाहर निकालने को दिए गए अल्टीमेटम की अवधि भी पूरी हुए काफी समय बीत गया है। लेकिन आज तक ना तो महाविद्यालय प्रशासन ने मिट्टी में दबे पेड़ों को बाहर निकालने का प्रयास किया और ना ही वन विभाग द्वारा इसके बाद महाविद्यालय पर कोई कार्यवाही की गई।
जबकि इस सारे घटनाक्रम के बाद ब्लॉक कांग्रेस कमेटी घुमारवीं द्वारा भी आशंका जाहिर की गई थी की इस सारे प्रकरण में वन विभाग राजनीतिक दबाव के चलते महाविद्यालय प्रशासन पर कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहा है। और इस आशंका को बल मिलता दिखाई दे रहा है क्योंकि महीने से अधिक का वक्त बीत जाने के बावजूद भी वन विभाग काटे गए पेड़ों पर जुर्माना लगाकर अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली। जबकि वन विभाग द्वारा महाविद्यालय प्रशासन को इस खेल के मैदान की खुदाई करते समय मिट्टी के नीचे दबाए गए पेड़ों को बाहर निकालने का आदेश जारी किया गया था। तथा उसके लिए विभाग ने महाविद्यालय प्रबंधन को एक हफ्ते का समय दिया था लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी वन विभाग द्वारा अपने ही दिए गए आदेशों की अवहेलना करने के बावजूद कॉलेज प्रबंधन स्वर कार्यवाही करना उचित नहीं समझा।
बताते चलें कि पिछले माह जनवरी को राजकीय महाविद्यालय घुमारवीं में बन रहे खेल के मैदान के निर्माण के समय महाविद्यालय प्रबंधन ने बिना किसी अनुमति के हरे पेड़ों का अवैध कटान कर डाला था। जिसके बाद इस प्रकरण की भनक लगने के बाद वन विभाग ने आनन-फानन में महाविद्यालय के खेल मैदान का निरीक्षण कर वहां पर 14 हरे पेड़ों कोकाटे जाने का मामला पाया था जिस पर वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए महाविद्यालय प्रबंधन पर जुर्माना लगाया था परंतु इसके साथ ही विभाग ने मौके पर कि खेल के मैदान में बिछाई गई मिट्टी के नीचे भी पेड़ों के दबे होने की आशंका जाहिर की थी जिसके बाद वन विभाग द्वारा महाविद्यालय प्रबंधन को इस मिट्टी को हटाए जाने तथा दबाए गए पेड़ों को बाहर निकालने के आदेश जारी किए थे। परंतु इतना समय बीत जाने के बाद ना तो महाविद्यालय प्रबंधन ने आदेशों का पालन किया और ना ही वन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई।
यह जमीन महाविद्यालय की निजी भूमि है तथा इसमें वन विभाग कुछ नहीं कर सकता है। हमने महाविद्यालय को मिट्टी में दबाये पेड़ों को बाहर निकालने के आदेश दिए थे लेकिन महाविद्यालय ने आदेशों को नहीं माना, यह शिक्षा विभाग का मामला है और हमारे पास है वन विभाग का कार्यभार है इसलिए हम दूसरे विभाग की भूमि में दबे पेड़ों पर कोई कार्यवाही नहीं कर सकते हैं।
--देशराज (रेंजर वन विभाग उपमंडल भराड़ी)