हिमुडा के निदेशक मंडल के सदस्य बनाए गए राकेश चोपड़ा ने पद को किया अस्वीकार
घुमारवीं- क़हलूर न्यूज़
घुमारवीं में अभी कुछ दिन पहले हिमुडा के निदेशक मंडल के सदस्य बनाए गए राकेश चोपड़ा ने घुमारवीं में बाकायदा प्रैस कांफ्रेस कर इस पद को अस्वीकार करते हुए सर्द मौसम में राजनीति को हवा दे दी है। पिछले विधानसभा चुनाव में मंत्री के सबसे करीबी रहे नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष राकेश चोपड़ा के इस फैसले से आने वाले चुनावों में घुमारवीं की राजनीति में अलग समीकरण बनते नजर आ रहे हैं। कैबीनेट मंत्री के इलाके से इस प्रकार से निदेशक पद का ठुकराना कहीं न कहीं विरोध स्वरों की भी आहट बयान कर रहा है।
राकेश चोपड़ा ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि वह अपरिहार्य कारणों से इस पद को स्वीकार करने में असमर्थ हैं जबकि समाज सेवा करना उनका दायित्व है और वह आगे भी समाज सेवा के कार्यों को जारी रखेंगे। बताते चलें कि राकेश चोपड़ा क्षेत्र के एक जाने.माने व्यवसाई हैं जो पिछले कई वर्षों से वह समाज की सेवा कर रहे हैं।
राकेश चोपड़ा 2012 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन 2017 में हुए चुनावों में उन्होंने वर्तमान में कैबिनेट मंत्री खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनकी जीत में एक अहम भूमिका निभाई थी। आज दिए अपने बयान में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पिछले चुनावों में जो मंत्री द्वारा लोगों से वायदे किए गए थे उन्हें पूरा कर पाने में वह सफल नहीं हो पाए हैं इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की अनदेखी से भी वह आहत हुए हैं। आज निदेशक मंडल के सदस्य का पद ठुकराते हुए कहा कि वह इस पद की पेशकश दिए जाने पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद करते है।
चोपड़ा ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सहयोग से उन्होंने कई विकासात्मक कार्यों को पूरा करवाकर घुमारवीं कीजनता को राहत पहंुचाई है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे आवारा पशुओं के छुटकारे से करीब 20 पंचायतों को मुक्त कराया है।
गरीब लड़कियों की शादी में जो बन सका वह योगदान किया, कोरोना के दौरान जहां तक हो सका लोगों की मदद की, नगर परिषद में उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए समस्याओं का समाधान किया। पत्रकारवार्ता में इस मौके पर उनके साथ शहर के प्रसिद्ध व्यवसाई कुलभूषण तथा प्रदेश दिव्यांग कार्यकारिणी के सदस्य सतपाल शर्मा मौजूद रहे।