*एनएसयूआई के छात्रों का निलंबन तुरंत प्रभाव से वापिस लिया जाए:एनएसयूआई*
*निलंबन वापिस नहीं लिए तो प्रदेश भर में सरकार के खिलाफ होगा विरोध प्रदर्शन: अभिषेक*
प्रदेश विश्वविद्यालय मे पुस्तकालय व छात्रावास को कोरोना नियमों के साथ खोलने को लेकर ज्ञापन सौपने के लिए एनएसयूआई के तीन पदाधिकारियों वीनू मेहता ,यासीन बट्ट , परवींन मिन्हास का निष्कासन राजनीति से प्रेरित है| प्रदेश वि. वि. मे कोरोना की महामारी के दौरान भर्तियां लगातार जारी है तो पुस्तकालय व छात्रावास को खुला रखने की आवाज रखना छात्रों की अहम माँग थी इसके लिए निष्कासन दुर्भाग्यपूर्ण है |
एक तरफ प्रदेश विश्व विद्यालय मे कुछ छात्र संगठन दराट - कुल्हाड़ियो से एक- दूसरे पर हमले कर रहे लेकिन आजतक विश्व विद्यालय प्रशासन उनके उपर कोई कार्यवाही नही कर पाया, वही दूसरी तरफ एनएसयूआई के छात्र साथियों को छात्रों की मूलभूत समस्याओं पुस्तकालय व हॉस्टल बंद करने का विरोध किया व कोरोना के नियमो के साथ खुला रखने का आग्रह किया गया तो एनएसयूआई के पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया, कही ऐसा तो नही की यह सब जो विश्व विद्यालय के कुलपति की आयोग्यता पर सवाल उठाने के लिए उनके खिलाफ एनएसयूआई ने जो मोर्चा खोल रखा था उस आंदोलन को दबाने के लिए छात्रों का निष्कासन किया गया
एनएसयूआई बिलासपुर के जिलाध्यक्ष अभिषेक भारद्वाज ने बताया कि आज उपमंडलाधिकारी घुमारवीं द्वारा माननिय राज्यपाल महोदय को इस निष्कासन के विरोध में ज्ञापन सौंपा और हमारे जिन तीन साथियों को बिना किसी जांच पड़ताल के तुगलकी फरमान के तहत निष्कासित किया गया है उसको रद्द करने की मांग की, अगर निष्कासन को रद्द नही किया गया तो एनएसयूआई प्रदेश भर में सड़कों पर उतर जाएगी और जगह जगह विश्वविद्यालय प्रशासन और प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी।
इस मौके पर जिला अध्यक्ष अभिषेक भारद्वाज , जिला उपाध्यक्ष अमन कालिया , घुमारवीं कैंपस अध्यक्ष गौरी शंकर , रोहित नवीन आदि उपस्थित रहे।