नगरोटा सूरियां
मृतक की पत्नी, बहन, मां-भाई रो-रोकर बुरा हाल था। परिजनों को समझ नहीं आ रहा था कि उनके घर में क्या हो रहा है। महिलाएं मृतक सैनिक की पत्नी और उसकी मां का ढाढस बंधा रही थीं। विनोद कुमार का अंतिम संस्कार वरियाल के श्मशानघाट में पूरे सैनिक सम्मान के साथ किया गया।
वह नागालैंड में आसाम रायफल में ड्यूटी दे रहा था। इस मौके पर असम राइफल से राजेंद्र कुमार धर्मशाला से मिन्हास सहित आए हुए सैनिकों द्वारा उन्हें सलामी दी गई। मृतक अपने पीछे गर्भवती पत्नी चेतना ठाकुर, माता सत्या देवी व गोद ली बेटी को छोड़ गए हैं।
बता दें कि मृतक विनोद कुमार शादी 14 साल पहले हुई थी और 14 साल बाद उनकी पत्नी गर्भवती थीं, जिसकी डॉक्टरों ने 11 दिसंबर प्रसव की तारीख रखी है। विनोद कुमार डेढ़ महीना पहले ही छुट्टी काट कर गया और अपनी गर्भवती पत्नी को फोन पर बताया कि वह 10 दिसंबर को दोबारा घर छुट्टी आ रहा है, लेकिन उन्हें क्या पता था कि बेटे के जन्म से पहले ही उनकी पार्थिव देह घर पहुंच जाएगी।