गांव ननावां के महिला मंडल भवन में अंतरराष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े का किया गया आयोजन
बिलासपुर 7 सितम्बर -(क़हलूर न्यूज़)
स्वास्थ्य विभाग द्वारा अंतरराष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़े का आयोजन कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए गांव ननावां के महिला मंडल भवन में आयोजित किया गया।
स्वास्थ्य शिक्षक दीप कुमार ने इस विषय में प्रकाश डालते हुए कहा कि ने कहा कि आंखें ईश्वर का दिया हुआ अनमोल रतन है इसलिए नेत्रदान को महादान कहा गया है क्योंकि नेत्रदान से आप किसी नेत्रहीन व्यक्ति के जीवन में उजाला ला सकते हैं।
उन्होंने बताया कि कॉर्निया संबंधी अंधता को स्वच्छ कार्निया प्रत्यारोपण से ठीक किया जा सकता है। मृत्यु के 6 घंटे के अंदर आंखें निकाली जा सकती हैं। कॉर्निया आंख की पुतली के ऊपर शीशे की तरह परत होती है। कॉर्निया प्राय आंखों में संक्रमण या चोट लगने अथवा विशेषताय बचपन में पोषण की कमी के कारण क्षतिग्रस्त हो जाता है। कॉर्निया के क्षतिग्रस्त होने के कारण जिस व्यक्ति की दृष्टि चली गई है यह कार्निया प्रत्यारोपण द्वारा पुन दृष्टि प्राप्त की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति जो नजर का चश्मा लगाते हैं अथवा जिन्होंने आंखों का सफल ऑपरेशन कराया है तथा जो किसी दैहिक रोग से पीड़ित है वह भी अपनी आंखें दान कर सकते हैं। नेत्रदान करने वाले व्यक्ति के परिवार से कोई फीस नहीं ली जाती नेत्रदाता की मृत्यु हो जाने पर नेत्र संग्रह केंद्र से उसके घर एक डॉक्टर भेजा जाता है जो एक निःशुल्क सेवा है। घर पर आंखें निकलवाई जा सकती हैं घर पर ही अथवा किसी ऐसे स्थान पर जहां पर मृतक का शव रखा है आंखें निकाली जा सकती हैं। इस प्रकार की सभी सेवाएं सरकार और स्वैच्छिक संगठनों द्वारा मुफ्त प्रदान की जाती है।
स्वास्थ्य शिक्षक ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने नजदीक के स्वास्थ्य संस्थान व मेडिकल कॉलेज में स्वयं जाकर अथवा फोन द्वारा संपर्क कर सकते है। इस कार्यक्रम में भाषण प्रतियोगिता भी करवाई गई जिसमें क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर पलक, राधिका, पलक रही और पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथन तीन स्थानों पर सिद्धार्थ ठाकुर, हेमलता व तरुण कुमार रहे और इनको नगद राशि भी वितरित की गई।
इस कार्यक्रम में महिला मंडल प्रधान गमरी देवी, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता रीना देवी और आशा वर्कर उपस्थित रहे।