आफ़त - मौसम के बाद अब जंगली सुअरों का आतंक - क़हलूर न्यूज़
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आफ़त -  मौसम के बाद अब जंगली सुअरों  का आतंक

दिन में बंदर और रात को जंगली सुअर उजाड़ रहे ,फ़सल, सरकार से नुकसान की भरपाई करने की माँग 

घुमारवीं/ रजनीश धीमान

उपमंडल घुमारवीं के कुछ क्षेत्रों के किसान फसलों की पैदावार को लेकर आए दिन जिस तरह से नित नई परेशानी झेल रहे हैं जिससे लगता है आने वाले समय में किसान कृषि करना ही छोड़ देंगे ।

कुदरत के कहर के साथ-साथ घटिया बीज ,बंदरों के आतंक से परेशान किसानों की समस्या अभी तक हल नहीं हुई है लेकिन उनके सामने एक और बहुत बड़ी समस्या आ खड़ी हो गई है अब तक किसान आवारा पशुओं और बंदरों द्वारा मक्की की फसल को बर्बाद किए जाने से परेशान थे लेकिन अब जंगली सूअरों का भी आतंक बढ़ गया है। किसानों का कहना है कि बंदर दिन को फसल उजाड़ रहे हैं वहीं रात को सूअर मक्की की फसल को बर्बाद कर रहे हैं। दिन और रात दोनों तरफ से किसानों के लिए परेशानी आने पर किसान काफी चिंतित है।
 उपमंडल के मलोट, जँजवानी, कुठेड़ा,पपलाह आदि गांव के किसानों का कहना है कि प्रशासन को कई बार इन समस्याओं के बारे में अवगत करवाया जाता है ।लेकिन समस्या के समाधान को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है। जिससे प्रत्येक वर्ष किसानों के लिए नई-नई परेशानी सामने आ जाती है। आवारा बैलों , गायों और बंदरों के बाद अब सूअरों द्वारा मक्की की फसल पर हमले से सभी किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि तेज आंधी, बारिश, और सुअरों के आतंक से होने परेशानी से क्षेत्र के किसान खेतों में फसल उगाना ही बंद कर देंगे। 

जिससे किसानों को अपने परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो जाएगा। बता दें कि मक्की की फसल को तैयार होने में कुछ ही दिन शेष बचे हैं तथा फसल पहले ही बारिश तथा तूफान की भेंट चढ़ गई है वही जो फसल बच गई है उसे अब सूअरों तथा जंगली जानवरों ने तबाह करना शुरू कर दिया है ।अमरनाथ, हरिराम, राजू, हंसराज, बलबीर तथा मेहताब सिंह आदि किसानों ने बताया जिस तरह से फसलों पर कुदरत के साथ-साथ जंगली जानवरों की मार पड़ रही है 

उसके बाद 4 महीने मेहनत करने के बाद भी कुछ नहीं हाथ लगने के आसार हैं। किसानों का कहना है कि वह पहले से ही करोना की मार झेल रहे हैं और जो किसान अभी तक मक्की की अच्छी फसल को लेकर खुश नजर आ रहे थे अब उनकी खुशियों पर इन जंगली जानवरों ने पानी फेर दिया है। उनकी सरकार से मांग है कि मक्की की फसल के हुए नुकसान का उचित मुआवजा किसानों को दिया जाए।


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