घुमारवीं शहर को जाम और पार्किंग की समस्या से छुटकारा मिलने की जगी आस ।
##प्रशासन ने तहसील परिसर को पुराने पुल से जोड़ने के लिए सड़क बनाने का भेजा प्रस्ताव##
【【 सड़क के लिए 20 बिस्वा जमीन दान करके लोगों की उम्मीदों का सहारा बन कर उभरे घुमारवीं के प्रसिद्ध व्यवसाई प्रमोद संख्यान उर्फ प्रधान】】
मोनिका शामा,घुमारवीं।
बरसों से जाम तथा पार्किंग की समस्या से जूझ रहे घुमारवीं शहर को जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद जगी है। क्योंकि प्रसासन ने घुमारवीं शहर के तहसील परिसर से मेला ग्राउंड होते हुए पुराने पुल के लिए प्राथमिक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एक सड़क निर्माण का प्रस्ताव उच्च अधिकारियों को भेजा है।
लोगों की इस सारी उम्मीदों का सहारा बन कर उभरे हैं घुमारवीं के एक प्रशिद्ध व्यवसायी प्रमोद सांख्यान।जिन्होंने इस सड़क निर्माण में आने वाली अपनी करीब 20 बिस्वा जमीन को प्रशासन को दान देकर जमीन सम्बन्धित अड़चनों से छुटकारा दिला कर प्रसासन की राह आसान कर दी है।
बताते चलें कि स्थानीय लोगों की वर्षों से शहर को किसी बाहरी सड़क से जोड़ने की मांग रही है क्योंकि लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत मुख्य बाजार से तहसील परिसर तक जाने में होती है।क्योंकि तहसील परिसर तथा उपमंडलीय अधिकारी के कार्यलय को जाने वाली सड़क इतनी तंग है की दो गाड़ियों को भी आपस में पास लेने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है और मात्र 500 मीटर के सफर के लिए कई बार लोगों आधे घंटे तक का वक्त लग जाता है ।अगर इस सड़क का निर्माण हो जाए तो आने वाले दिनों में शहर की सबसे बड़ी समस्या पार्किंग को पहुंचने में भी आसानी हो जाएगी।
करीब 4 करोड़ रुपए खर्च करके 100 गाड़ियां के लिए बनाई जाने वाली पार्किंग को भी यह सड़क सुविधा मिल जाएगी। वहीं इसके साथ-साथ लोगों को तहसील परिसर, उप मंडलीय अधिकारी कार्यालय तथा बच्चों को स्कूल जाने के लिए भी इस सड़क का उपयोग करने की सुविधा प्राप्त हो जाएगी। इस सड़क के बनने से लोगों को जाम की स्थिति से राहत मिलने की उम्मीद जगी है। बातचीत में 20 बिस्वा जमीन के मालिक प्रमोद संख्यान कहना है कि जब प्रशासन ने उनसे इस बारे में बात की तो उन्होंने बिना सोचे समझे लोगों की सुविधा के लिए अपनी जमीन दान करने की हामी भर दी।
प्रमोद संख्यान द्वारा अपनी 20 बिस्वा जमीन को दान किए जाने के बाद शहर भर में उनकी प्रशंसा की जा रही है वहीं तहसील परिसर तथा पुराना बस स्टैंड के व्यापारियों में भी एक उम्मीद की किरण जगी है कि अगर यह सड़क बन गई तो उनके व्यापार पर भी इसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा तथा उनके व्यापार में भी बढ़ोतरी होने के आसार हैं क्योंकि कुछ दिन पहले ही इन व्यापारियों ने नगर सुधार समिति का गठन कर ऐसे ही पुराना बस स्टैंड से होते हुए बाईपास रोड के निर्माण की मांग रखी थी क्योंकि उनका मानना था कि इस परिसर के नजदीक बनाए गए कोर्ट परिसर तथा बाद मे माध्यमिक पाठशाला लड़कियों के स्कूल को अलग किए जाने के बाद उनके व्यापार पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था तथा इसके बाद कई लोग बेरोजगार हो गए थे।