हिमाचल के दो जिलों में सामूहिक भोज पर रोक, मंडी में देवी-देवताओं की शोभा यात्राओं पर भी प्रतिबंध
हिमाचल प्रदेश के चंबा और मंडी जिले में धाम और सामूहिक भोज पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है। चंबा जिले शादी समारोहों में अब सामूहिक धाम और रिसेप्शन पर रोक लगा दी गई है। शादी के दौरान आयोजित होने वाली धाम और रिसेप्शन में लोगों का जमावड़ा होने संबंधी शिकायतें मिलने के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन ने बाकायदा इसके बारे में अधिसूचना जारी कर दी है। 29 अप्रैल से नए आदेश लागू माने जाएंगे।
अधिसूचना में साफ किया गया है कि पैलेसों में शोर-शराबा होने पर पैलेस को दस दिन तक सील कर दिया जाएगा। शादी समारोहों में अब महज परिवार के करीबी लोग ही कोविड नियमों का पालन करते हुए शरीक हो सकते हैं। जिले में कोविड महामारी की दूसरी लहर में संक्रमित लोगों का आंकड़ा बढ़ने के बाद अब प्रदेश सरकार के आदेशानुसार जिला प्रशासन ने भी सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। जिला प्रशासन के आदेशानुसार अब शादी समारोहों में परिवार के करीबी सदस्य ही शामिल हो सकते हैं। शादियों में धामों और रिसेप्शन पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। इतना ही नहीं, पैलेस में भी शोर-शराबा होने पर पैलेस दस दिन तक सील कर दिया जाएगा। इसके अलावा मुंडन समारोहों पर रोक लगा दी गई है।
जिले भर में नेशनल और स्टेट हाईवे पर शनिवार और रविवार को दवाई की दुकानें, रेस्टोरेंट, पेट्रोल पंप, मोटर रिपेयर की दुकानों को छोड़कर शेष दुकानें बंद रहेंगी। इसके अलावा दूध, डेयरी सहित सब्जी की दुकानें दोपहर दो बजे तक ही खुली रहेंगी। दुकानदार अपनी दुकानों में पहुंचने वाले ग्राहकों को कोविड नियमों का पालन करवाने संबंधी व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
नहीं लगेंगे जागरूकता -
शिविरसरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों की ओर से चलाए जा रहे सभी प्रकार के प्रशिक्षण और जागरूकता शिविरों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। अधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि आवश्यक होने पर बैठकों को भी वर्चुअल आधार पर किया जा सके। सरकारी कार्यालयों में इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा कि पब्लिक डीलिंग के सभी कार्यों को ऑनलाइन ही किया जाएगा। इसके लिए ई-डिस्ट्रिक और ऑनलाइन व्यवस्था की जाए। साथ ही नो मास्क नो सर्विस के नियम का पालन किया जाए। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बाजारों में बढ़ने वाली भीड़ पर नियंत्रण रखने का जिम्मा एसडीएम संभालेंगे। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में नगर परिषद और एसडीएम नजर रखेंगे।
मालवाहक वाहनों को पंजीकरण में छूट -
जिले में प्रवेश करने वाली बसों के सभी यात्रियों को भी पंजीकरण करवाना होगा। इसके लिए आरटीओ और आरएम-एचआरटीसी की ओर से बस ऑपरेटरों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएं। मालवाहक वाहनों को पंजीकरण में छूट दी जाएगी। बशर्ते कि वे केवल रोजमर्रा वस्तुओं का वाहन करेंगे और वाहन में चालक के साथ परिचारक को ही बैठने की अनुमति होगी। एंबुलेंस, फायर टेंडर और अन्य आपातकालीन वाहनों को भी इससे बाहर रखा गया है। सीमाओं के पार काम करने वाले व्यक्तियों के लिए एसडीएम की ओर से सीमा पर आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए संबंधित मासिक पास जारी किए जा सकते हैं। विभागों के प्रवासी श्रमिकों के लिए संबंधित ठेकेदार पंजीकरण करवा सकते हैं। उपायुक्त डीसी राणा ने बताया कि महामारी की दूसरी लहर के बीच बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत अब धामों और रिसेप्शन पर रोक लगाई गई है। पैलेसों में शोर-शराबा होने पर दस दिन के लिए सील किए जाएंगे। ढाबा और रेस्टोरेंट मालिक खाना पैक कर ही देंगे।
मंडी में पहली मई से धाम, सामूहिक भोजन पर पूरी तरह पाबंदी-
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप के बीच देवी-देवताओं की शोभा यात्राओं पर 28 अप्रैल सायं से ही पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। घरों अथवा धार्मिक स्थानों में भी पूजा, पाठ या भंडारे के आयोजनों पर रोक रहेगी। जिले में धाम और सामूहिक भोज के आयोजन पर भी रोक लगा दी है। आदेशों की अवहेलना करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जिला दंडाधिकारी ऋग्वेद ठाकुर ने इसे लेकर आदेश जारी किए हैं।
जारी आदेश के मुताबिक जिले में पहली मई से शादी अथवा अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में धाम और सामूहिक भोज के आयोजनों की मनाही रहेगी। पूर्व में शादी समारोहों के लिए दिए धाम आयोजन के अनुमति पत्र अब निरस्त माने जाएंगे। कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के दृष्टिगत संक्रमण से लोगों के बचाव और सुरक्षा के लिए यह पाबंदियां लगाई गई हैं। उन्होंने लोगों से कोविड अनुरूप व्यवहार करने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का ठीक से निर्वहन करने का आग्रह किया।