छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को बड़ी क्षति पहुंचाई
सुरक्षा बलों के पास सटीक खुफिया सूचना नहीं होना बड़ी चूक
नक्सलियों को भनक लग गई थी तो यह बड़ी विफलता
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में कई वर्षों बाद इतना बड़ा हमला हुआ है। जोनागुड़ा की पहाड़ियों में सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन, डीआरजी, एसटीएफ और बस्तरिया बटालियन के जवान नक्सलियों को घेरने पहुंचे थे। पहाड़ियों के किस हिस्से में नक्सली छिपे हो सकते हैं या वह प्वाइंट जहां घात लगाकर हमला हो सकता है, इसकी 'खुफिया' जानकारी में ऐसी सटीक सूचना का अभाव था। इसके उलट नक्सलियों को इस ऑपरेशन की जानकारी थी।
400 जवान और 800 से ज्यादा नक्सली थे
केंद्रीय सुरक्षा बल के एक अधिकारी, जो तर्रेम ऑपरेशन से जुड़े हैं, उन्होंने बताया यह एक संयुक्त ऑपरेशन था। सब कुछ तय रणनीति के तहत हो रहा था। सुरक्षा बलों की कई टीमें अलग-अलग दिशाओं में निकली हुई थी। जिस टीम पर हमला हुआ है, उसमें लगभग 400 जवान थे। नक्सलियों की संख्या 800 से अधिक बताई जा रही है।
नक्सल हमले के बारे में जो खुफिया सूचना साझा की गई, उसमें एरिया का जिक्र था, प्वाइंट को लेकर कोई इनपुट नहीं था। बड़े क्षेत्र में फैली पहाड़ियों में ये कैसे पता चलता कि फलां प्वाइंट पर नक्सली बैठे हैं। सुरक्षा बलों की जिस टीम पर नक्सलियों ने हमला किया, बाकी टीमें वहां से काफी दूरी पर थीं।
नतीजा, करीब चार घंटे तक मुठभेड़ चलती रही। दूसरी टीमें मदद के लिए नहीं पहुंच सकी। नक्सलियों ने इसका भरपूर फायदा उठाया। उन्होंने शहीद जवानों के हथियार, गोला-बारुद व संचार उपकरण लूट लिए। इसके बावजूद जवानों ने भारी संख्या में नक्सली मार गिराए हैं।


