वोल्वो बस की ड्राइविंग ट्रेनिंग के लिए बंगलूरू जाने का मौका मिल जाए तो यह सपना भी पूरा हो जाएगा। शिमला के मुकाबले चंडीगढ़ दिल्ली की ड्राइविंग मुश्किल है। वहां ज्यादातर ड्राइवर रांग साइड पर चलते है। तीन बार चंडीगढ़ जा चुकी हूं। निगम प्रबंधन जहां चाहेगा वहीं ड्यूटी दूंगी।सोलन जिले के अर्की की 31 वर्षीय सीमा ठाकुर बुधवार सुबह 7.55 पर शिमला से चंडीगढ़ रवाना हुईं।
दोपहर 12 बजे चंडीगढ़ पहुंचीं और 12.30 बजे चंडीगढ़ से शिमला लौटीं। बीते 5 सालों से एचआरटीसी में बतौर चालक सेवाएं दे रही सीमा ने कोटशेरा कॉलेज से बीए के बाद विश्वविद्यालय से एमए की है।सीमा के पिता भी एचआरटीसी में ही चालक थे। पिता के साथ बस में सफर के दौरान ही सीमा को बस चलाने का शौक पैदा हुआ। एचआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक शिमला लोकल देवासेन नेगी ने बताया कि सीमा ठाकुर के पास हैवी व्हीकल ड्राइविंग लाइसेंस है।इन दिनों शिमला-चंडीगढ़ रूट पर सेवाएं दे रही हैं। वोल्वो ट्रेनिंग के लिए बंगलूरू भेजने का निर्णय मुख्यालय लेता है। हम अपने स्तर पर सीमा के नाम की अनुशंसा जरूर करेंगे।

