चिट्टा के खिलाफ समाज के प्रबुद्धजनों , स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर घुमारवीं अगेंस्ट चिट्टा जनअभिया आगे बढ़ाएगी संस्था
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चिट्टा के खिलाफ समाज के प्रबुद्धजनों , स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर घुमारवीं अगेंस्ट चिट्टा जनअभिया आगे बढ़ाएगी संस्था

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चिट्टा के खिलाफ समाज के प्रबुद्धजनों , स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर घुमारवीं  अगेंस्ट चिट्टा जनअभिया आगे बढ़ाएगी संस्था 

आदी व अपराधी में अंतर समझे प्रशासन व समाज 

घुमारवीं 

घुमारवीं की समाज सेवी संस्था "घुमारवीं अगेंस्ट चिट्टा" अभियान को आगे बढ़ाते हुए अब चिट्टा के खिलाफ समाज के प्रबुद्धजनों , स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर इस जनअभियान को आगे बढ़ाएगी । प्रेस को संबोधित करते हुए संस्था के संस्थापक महेंद्र धर्माणी ने कहा कि अब इस अभियान को संस्था जिला बिलासपुर के गांव गांव में जागरूकता कमेटियां बनाकर आगे बढ़ाएगी ।उन्होंने कहा कि लोगो की जागरूकता , सतर्कता और समाजसेवी संस्थाओं के दबाव के कारण आज पुलिस सख्त करवाई कर रही है । पुलिस प्रशासन चिट्टा से पीड़ित व सप्लायर के बीच अंतर करें , पीड़ित के साथ मानवीय व्यवहार व अपराधी के ऊपर कठोर करवाई करे । समाज की जागरूकता व पुलिस द्वारा चिट्टा माफिया पर सख्त करवाई से ही समाज की युवा पीढ़ी को इस नशे से बचाया जा सकता है । उन्होंने कहा कि संस्कार संस्था जिला बिलासपुर में समाज को जागरूक करके अपने सामाजिक दायित्व के लिए वचनबद्ध है ।


आदी और अपराधी में अंतर समझे प्रशासन 

समाज और प्रशासन पीड़ित और अपराधी की परिस्थितियों और मनोस्थिति को समझ करके आदि के साथ मानवीय व्यवहार और अपराधी के साथ कानून के अनुरूप सख्त करवाई करने की आवश्यकता है । उन्होंने समाज के प्रत्येक वर्ग से अपील करते हुए कहा कि माता पिता और बुद्धिजीवी वर्ग बच्चों के साथ संवाद करके  उनको इस जानलेवा बीमारी से बाहर निकलने में अपना योगदान करे । 

                             महेंद्र धर्माणी ने कहा कि संस्था 15 अक्टूबर 2023 से विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इस अभियान को जनता और युवाओं के बीच में ले जाने की एक सार्थक पहल कर रही है। घुमारवीं की 40 पंचायतों के प्रतिनिधियों से पत्र व व्यक्तिगत संपर्क से चर्चा करने के उपरांत 24 पंचायतों के 30 स्थानों पर बड़ी व छोटी बैठकें आयोजित की गई। इसके अतिरिक्त 20 शिक्षण संस्थानों में जाकर जागरूकता का कार्यक्रम किया गया। स्कूली बच्चों के लिए उपमंडल स्तर की पेंटिंग प्रतियोगिता करवाया गया। इस प्रकार के विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से घुमारवीं में 8000 लोगों से प्रत्यक्ष संवाद व संपर्क करने का काम किया गया।
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