श्रीवेदा होम्योपैथिक क्लिनिक का शुभारंभ
लोअर भराड़ी (घुमारवीं) में शुरू हुआ आधुनिक व प्राकृतिक उपचार केंद्र
लोअर भराड़ी, डुमेहर (घुमारवीं), जिला बिलासपुर में आज “श्रीवेदा होम्योपैथिक क्लिनिक” का शुभारंभ किया गया। यह क्लिनिक हिमाचल प्रदेश के लोगों को प्राकृतिक, सुरक्षित और बिना साइड इफ़ेक्ट वाली होम्योपैथिक चिकित्सा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। श्रीवेदा क्लिनिक में आधुनिक होम्योपैथिक पद्धति को अनुभवी क्लिनिकल विशेषज्ञता के साथ मिलाकर मरीजों को संपूर्ण और प्रभावी उपचार प्रदान किया जाएगा।
होम्योपैथी एक ऐसी चिकित्सा प्रणाली है जो शरीर की प्राकृतिक उपचार क्षमता को सक्रिय कर बीमारी के जड़ कारण को ठीक करने में सहायक होती है। सूक्ष्म मात्रा में दी जाने वाली होम्योपैथिक औषधियाँ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ मरीज को बिना किसी दुष्प्रभाव के दीर्घकालिक राहत प्रदान करती हैं। यह पद्धति सभी आयु वर्ग के लिए सुरक्षित मानी जाती है—बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक।
श्रीवेदा क्लिनिक में त्वचा रोग, लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारियाँ, जोड़-दर्द, अस्थमा-साइनसाइटिस जैसी सांस संबंधी समस्याएँ, पाचन तंत्र विकार, महिलाओं के हार्मोनल रोग तथा बच्चों में बार-बार होने वाली खांसी-जुकाम व एलर्जी जैसी समस्याओं का प्रभावी उपचार किया जाता है। इसके अतिरिक्त कई ऐसे मामलों में भी सफल उपचार उपलब्ध कराया जाता है जहाँ आमतौर पर मरीजों को सर्जरी की सलाह दी जाती है, जैसे—टॉन्सिल/एडेनॉइड, पाइल्स, फिशर, छोटे किडनी या गॉलब्लैडर स्टोन, फाइब्रॉइड, ओवरी सिस्ट तथा नाक के पॉलीप आदि। कई मरीजों को इन समस्याओं में बिना सर्जरी दीर्घकालिक लाभ प्राप्त हुआ है।
होम्योपैथी लगभग 200 वर्षों पुरानी वैज्ञानिक चिकित्सा प्रणाली है, जिसकी स्थापना डॉ. सैमुअल हैनिमैन ने की थी। यह चिकित्सा विधि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मान्यता प्राप्त है और भारत विश्व में होम्योपैथी के प्रमुख केंद्रों में शामिल है।
“श्रीवेदा होम्योपैथिक क्लिनिक” का ध्येय है—लोगों को सुरक्षित, किफायती और परिणामकारी उपचार उपलब्ध कराना तथा समाज में स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना।